एक दिन हमनें ,
अपने शहर की सोती हुई पुलिस जगा दी ।
सौ रुपये देकर ,
थाने में एक हजार की रिपोर्ट लिखवा दी ।
शाम को पुलिस हमारे घर आई
साथ में एक कुत्ता भी लायी ।
कुत्ते ने हमें सूंघा, और हमारे घर को देखा ।
कुत्ता बोला आप हमारे,
बेईमान होने का फायदा उठाते हो।
अपने शान बढ़ाने के लिए
चोरी की झूठी रिपोर्ट लिखाते हो ।
तभी उस कुत्ते के अन्दर का कुत्ता जागा।
सीधा थाने की तरफ भागा।
जिसे देख कर हमारा आत्मविश्वास भी जागा ।
यह क्या ! वह लौट कर बापस आया और बोला
आप क्या सोंचते हैं ?
मै क्या, थानेदार की गिरफ्तारी करूँगा ।
मैंने तो पुलिस का नमक खाया हैं ।
मै क्या? नमकहरामी करूँगा ।
आज मै अपने ओहदे का इस्तेमाल करूँगा ।
इन सडक पर बैठे हुए,
भिखारी को जेल के अंदर करूँगा।
वर्षों से यह हमारे हक मार जाते हैं
कचरे में पड़ी हुई रोटी
हमसे पहले मार जाते हैं ।
बात रोटी तक तो, हम सहन करते हैं ।
पर अब तो यह हमारा और हमारी नस्ल का
अपने को इंसान कहते हैं ।
पर हमारी तरह जीते और हमारी तरह मरते हैं ।