शनिवार, अप्रैल 06, 2013

ब्लोगिंग की तीसरी वर्षगाँठ....

ब्लोगिंग की आखिर तीसरी वर्षगाँठ किसी तरह मना  रहा हूँ ।यूँ  तो इस वर्ष लेखन कुछ खास नहीं हो पाया फिर भी तीन वर्ष पूरे  कर लिए .....

ब्लॉग का व्यौरा कुछ इस प्रकार रहा ...

कुल रचनाएँ    १७३  ( एक सौ तिहत्तर )  दो सौ का इंतजार हैं 

कुल टिपण्णी   ५६0२  ( पांच हजार छह सौ  दो )

कुल अनुसरण कर्ता   २६० (दो सौ साठ )    ( कब तीन सौ होंगे :))

अंत में आप सभी का आभार व्यक्त करता  हूँ .....



बुधवार, अप्रैल 03, 2013

कवि की मज़बूरी ....

मेरे एक मित्र का फोन आया कि आप तो कवि  हैं एक जल्दी से हमारे विद्यालय के 
वार्षिक उत्सव पर कविता लिख कर मेल कर दो, समय दिया केबल एक घंटे का ...
पत्नी ने धिक्कारा ऐसे तो कवि बने फिरते  हो एक काम नहीं कर सकते 
हमारे अन्दर का कवि जग उठा और पंद्रह मिनट में रच डाली मज़बूरी की कविता ....


विद्या का यह  मंदिर हैं 
डॉन बास्को इसका नाम 
ज्ञानार्थ प्रवेश हैं इसमें 
और सेवार्थ प्रस्थान । 

गुरुओं का सम्मान सिखाते 
चरित्र निर्माण का पाठ  पढ़ाते 
अध्ययन अपना पूरा करके 
विधार्थी बनता अच्छा इन्सान । 

विद्या का यह  मंदिर हैं 
डॉन बास्को इसका नाम 
 

माता  पिता की सेवा करते 
गुरुओं का सम्मान वह करते 
निर्बल पर अन्याय ना करते 
रखते  सबका पूरा ध्यान । 

विद्या का यह  मंदिर हैं 
डॉन बास्को इसका नाम 

हरे भरे हैं खेत यहाँ पर 
मिला हो जैसे प्रकृति का वरदान 
रंग बिरंगे फूल  देख कर 
आती चेहरे  पर मुस्कान । 

विद्या का यह  मंदिर हैं 
डॉन बास्को इसका नाम 
ज्ञानार्थ प्रवेश हैं इसमें 
और सेवार्थ प्रस्थान ।  


कैसा लगा यह मज़बूरी का प्रयास