पहला रंग
चलो कुछ दिन बाद एक नया साल फिर आने वाला है |
और अपने साथ खुशियाँ ही खुशियाँ लाने वाला है |
नये साल में तो बास की सीट भी खाली हो जाएगी |
सीनियर तो मैं ही हूँ,बस मुझको ही मिल जाएगी |
तंगी से जूझते गुप्ता जी की पैसे की समस्या हल हो जाएगी|
क्योंकि अलमारी में पड़ी एन एस सी भी मैच्योर हो जाएगी |
अगले साल बेटे की पोस्टिंग भी अपने शहर में हो जाएगी |
और बेटी की शादी भी से किसी अफसर से हो जायगी |
गैराज में खड़ी होंडा सिटी अब आउट डेटऐड हो जाएगी |
अगले साल तो पाण्डेय जी की नई बी ऍम डब्लू आयगी |
दूसरा रंग
चलो कुछ दिनों बाद एक नया साल फिर आएगा
और अपने साथ साथ फिर वही समस्याएँ लायेगा |
एक बार फिर पत्नी बच्ची की नई फ्राक के लिए चिल्लाएगी
क्योंकि छुटकी की छलनी हुई फ्राक कुछ और छोटी हो जाएगी |
बड़की की बढती हुई उम्र अब एक साल और बढ जाएगी |
शादी का इंतजार करते करते अब तो वह बूढी कहलाएगी |
बेरोजगार बेटे की टूटी हुई चप्पल फिर उसका मुंह चिडाएगी |
अगले साल तो उसकी नौकरी की उम्र ही निकल जाएगी |
अगले साल तो महंगाई कुछ और ज्यादा ही बढ़ जाएगी
दूध की ख़ाली बोतल मेरी बच्ची का मुंह फिर चिडाएगी |
एक रूपए की टॉफी खरीदना एक बड़ी बात बन जाएगी |
मेरी बेटी नंगे फर्श पर अंगूठा चूसते चूसते ही सो जाएगी |
यह मेरी २०१० की अंतिम पोस्ट है| क्योंकि नया साल मेरे लिए बहुत अच्छा
होगा इस बात का भ्रम पाले हुए यह भ्रमित आदमी भ्रमण पर जा रहा है|
इस भ्रमण काल में मै २९-१२-२-१० को कानपुर,३०-१२ -२०१० से ०१-०१२०११
इस भ्रमण काल में मै २९-१२-२-१० को कानपुर,३०-१२ -२०१० से ०१-०१२०११
लखनऊ ,०२-०१ -२०११ काठगोदाम ,पन्तनगर (उधमसिंह नगर ),०५-०१ -२०११
से ०९-०१-२०११ दिल्ली में रह कर, लौट कर बुद्धू घर को आये की कहावत को चरितार्थ
करते हुए १०-०१ -२०११ को हैदराबाद आऊंगा|
आप सभी को नव वर्ष मंगलमय हो