(हिंदी कविताओं ,कथाओं और लेखों का एक कोना)
कठिनाई में ही रिश्तों की पहचान होती है .. अच्छी प्रस्तुति
अपने-पराये की पहचान का एक वक्त ये भी आता है जिन्दगी में ।
सुन्दर अभिव्यक्ति,भावपूर्ण.
बहुत खूब ...वाह...
सुन्दर अभिव्यक्ति.........
सच्ची बात है ..शेर अछे लगे
घर बना के अपना क्यों सजाते है लोग,यादों के सहारे क्यों जिए जाते है लोगतन में जब तक सांस है,सब यार दोस्त है म्रत्यु हुई तो दफनाकर भूल जाते है लोग,..सुंदर प्रस्तुती,आपकी रचना बहुत अच्छी लगी,...MY NEW POST ...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
sacchayi baya karta sher.
यही कटु सत्य है जीवन का..
जो मुश्किलों में साथ नहीं, वो अपना नहीं..
जो मुश्किलों में साथ नहीं, वो अपना नहीं...
लगता है आपने भी राह बदल दिया!!!!!! आखिर इतने दिन बाद :)
सच बात है...अच्छी रचना.सादर.
Sach hai, Bahut Badhiya
वक्त के साथ क्या नहीं बदलता. सुंदर प्रस्तुति.बधाई.
कडवी सच्चाई मौजूदा दौर की। बेहतरीन।
आज के दौर की सच्चाई बयां कराती है आपकी रचनाये बेहद उम्दा प्र्सतुतिकरण ..
वाह ... सचाई को बयान कर रहा है ये मुक्तक ... सच में अपने भी मुंह फेर लेते हैं ..
Vah bahut khoob ....bhai sach ko bahutkhoob nawaja...mere naye post pr apka swagat hai.
कुछ मामलों में बदलना ठीक है तो कई मामलों में बड़ा तकलीफदेह... इस सबके बावजूद बदलाव तो होते ही रहते हैं।
अपने परायों की पहचान भी कराता है 'वक्त'. सटीक अभिव्यक्ति.
bilkul sahi mushkil mein log saath hone ka daava karte hai per jab kaho ki humko aapki jaroorat hai help us fir chup jaate hai
दिल से निकली बातें हैं, लाजवाब !
बहुत खूब.....उम्दा
जब सब कुछ बदल रहा है..तो लोग भी बदलेंगे...बहुत सुंदर पंक्तियाँ !
वाह!!!!!बहुत बेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुति,NEW POST.... ...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
वाह!!!!!बहुत बेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुति,NEW POST...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
न तो धोखा देने में कुछ नया है,न धोखा खाने में। दोनों अचेतन मन की विडम्बना है।
बहुत ख़ूबसूरत एवं लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
मुसीबतों में देख कर मुझको , अपने भी राह बदल जाते हैं.मुसीबतों के समय तो अपना साया भी साथ छोड देती है। बहुत अच्छी प्रस्तुति।
किसी बहाने अपनों की पहचान हो जाती है. सुंदर लिखा है.
कठिनाई में ही रिश्तों की पहचान होती है .. अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअपने-पराये की पहचान का एक वक्त ये भी आता है जिन्दगी में ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति,भावपूर्ण.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...वाह...
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति.........
जवाब देंहटाएंसच्ची बात है ..शेर अछे लगे
हटाएंघर बना के अपना क्यों सजाते है लोग,
जवाब देंहटाएंयादों के सहारे क्यों जिए जाते है लोग
तन में जब तक सांस है,सब यार दोस्त है
म्रत्यु हुई तो दफनाकर भूल जाते है लोग,..
सुंदर प्रस्तुती,आपकी रचना बहुत अच्छी लगी,...
MY NEW POST ...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
sacchayi baya karta sher.
जवाब देंहटाएंयही कटु सत्य है जीवन का..
जवाब देंहटाएंजो मुश्किलों में साथ नहीं, वो अपना नहीं..
जवाब देंहटाएंजो मुश्किलों में साथ नहीं, वो अपना नहीं...
जवाब देंहटाएंलगता है आपने भी राह बदल दिया!!!!!! आखिर इतने दिन बाद :)
जवाब देंहटाएंसच बात है...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना.
सादर.
Sach hai, Bahut Badhiya
जवाब देंहटाएंवक्त के साथ क्या नहीं बदलता. सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबधाई.
कडवी सच्चाई मौजूदा दौर की।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
आज के दौर की सच्चाई बयां कराती है आपकी रचनाये
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा प्र्सतुतिकरण ..
वाह ... सचाई को बयान कर रहा है ये मुक्तक ... सच में अपने भी मुंह फेर लेते हैं ..
जवाब देंहटाएंVah bahut khoob ....bhai sach ko bahutkhoob nawaja...mere naye post pr apka swagat hai.
जवाब देंहटाएंकुछ मामलों में बदलना ठीक है तो कई मामलों में बड़ा तकलीफदेह... इस सबके बावजूद बदलाव तो होते ही रहते हैं।
जवाब देंहटाएंअपने परायों की पहचान भी कराता है 'वक्त'. सटीक अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंbilkul sahi mushkil mein log saath hone ka daava karte hai per jab kaho ki humko aapki jaroorat hai help us fir chup jaate hai
जवाब देंहटाएंदिल से निकली बातें हैं,
जवाब देंहटाएंलाजवाब !
बहुत खूब.....उम्दा
जवाब देंहटाएंजब सब कुछ बदल रहा है..तो लोग भी बदलेंगे...बहुत सुंदर पंक्तियाँ !
जवाब देंहटाएंवाह!!!!!बहुत बेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंNEW POST....
...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
वाह!!!!!बहुत बेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंNEW POST...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
न तो धोखा देने में कुछ नया है,न धोखा खाने में। दोनों अचेतन मन की विडम्बना है।
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत एवं लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
जवाब देंहटाएंमुसीबतों में देख कर मुझको ,
जवाब देंहटाएंअपने भी राह बदल जाते हैं.मुसीबतों के समय तो अपना साया भी साथ छोड देती है। बहुत अच्छी प्रस्तुति।
किसी बहाने अपनों की पहचान हो जाती है. सुंदर लिखा है.
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