वह सफ़ीना जो तूफ़ानों को,
शिकस्त दे कर लौट आया होगा |
देख कर हिम्मत उसकी,
साहिल ने उसको गले से लगाया होगा |
डूबते देख कर किसी को,
यूँही नहीं साहिल उसके पास आया होगा|
शिकस्त दे कर लौट आया होगा |
देख कर हिम्मत उसकी,
साहिल ने उसको गले से लगाया होगा |
डूबते देख कर किसी को,
यूँही नहीं साहिल उसके पास आया होगा|
ज़रूर इस वाकिये में कुछ तो,
उसकी माँ की दुआओं का हाथ रहा होगा |
Bahut,bahut sundar!
जवाब देंहटाएंमाँ को समर्पित यह पोस्ट पढ़कर खुशी हुई।
जवाब देंहटाएंmaa ki dooa se hi vapis aaya hoga '''''''''''
जवाब देंहटाएंsunder rachna
निश्चय ही।
जवाब देंहटाएंमुन्नवर राणा की यह गज़ल कविता कोश में है। अच्छा होता यदि शायर का नाम भी दिया जाता॥
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना!
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
वह सफ़ीना जो तूफ़ानों को, शिकस्त दे कर लौट आया होगा |
जवाब देंहटाएंदेख कर हिम्मत उसकी, साहिल ने उसको गले से लगाया होगा |
बहुत सुंदर चित्रण . ...
बहुत सुन्दर ..माँ कि दुआओं में सच ही असर होता है
जवाब देंहटाएंमाँ तुझे सलाम!!!
जवाब देंहटाएंहूँ .....सच में ...
जवाब देंहटाएंmaa ki duaten kabhi beasar nahi hoti
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.... बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंनिश्चय ही हर दुःख में ईश्वर से पहले माँ ही याद आती है.
जवाब देंहटाएंआदरणीय श्री प्रसाद जी आपकी टिपण्णी के सन्दर्भ में मुनब्बर राणा साहेब की गजल का यह शेर है | हाँ आप यह जरुर कह सकते है की उनकी जमीन का इस्तेमाल किया गया है| हो सके तो वह गजल इ मेल कर दीजिये धन्यवाद |आशा करता हूँ की आप इसे अन्यथा नहीं लेंगे
जवाब देंहटाएंजब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है|
बहुत खूब...माँ की दुआएं हर वक़्त साथ होती हैं.. सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंजरूर ...निःसंदेह ..माँ की दुआ से बढ़कर क्या ?
जवाब देंहटाएंआप यह जरुर कह सकते है की उनकी जमीन का इस्तेमाल किया गया है|'
जवाब देंहटाएंआपने सही कहा है... उसी ज़मीन से उगी आपकी कविता के लिए बधाई॥
--
चंद्र मौलेश्वर
cmpershad.blogspot.com
बिल्कुल सच कहा है इन पंक्तियों में ... ।
जवाब देंहटाएंआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (16.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
वह सफ़ीना जो तूफ़ानों को,
जवाब देंहटाएंशिकस्त दे कर लौट आया होगा |
देख कर हिम्मत उसकी,
साहिल ने उसको गले से लगाया होगा |
भाई सुनील जी बहुत सुंदर कविता बधाई |
माँ की दुआ और पिता का आशीर्वाद जीवन में कितनी रक्षा कर सकतें यह वही जान सकता है जिसने माँ बाप की सेवा की हो और उनकी दुआएं और आशीर्वाद पाया हों.
जवाब देंहटाएंआपका मेरेब्लोग पर आने का बहुत बहुत आभार.
माँ बाप कि दुआएं ही जीवन में तरक्की कि राह दिखाती है और जीवन भर साथ रहती है. सुंदर भावनाओं से परिपूर्ण रचना.
जवाब देंहटाएंमाँ की दुआओं के बिना तो एक सांस भी संभव नहीं.
जवाब देंहटाएंमाँ...पूर्णता का दूसरा नाम है. बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएं*********************
"सुगना फाऊंडेशन जोधपुर" "हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम" "ब्लॉग की ख़बरें" और"आज का आगरा" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को " "भगवान महावीर जयन्ति"" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
सवाई सिंह राजपुरोहित
bahut badhiya sir
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी कविता, दिल को छू लेने वाली।
जवाब देंहटाएं---------
भगवान के अवतारों से बचिए!
क्या सचिन को भारत रत्न मिलना चाहिए?
वाह सुनील जी ....क्या ख़ूब लिखा है!
जवाब देंहटाएंमाँ का आशीर्वाद से ही ये संभव है.
दिल से निकली एक सुंदर कृति !
जवाब देंहटाएंsundar bhaav...
जवाब देंहटाएंhardil azeez rachna...!!
मां की दुआओं से ही तो यह संसार अभी तक जीवित है।
जवाब देंहटाएंमाँ का आशीर्वाद से ही ये संभव है.
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