गुरुवार, अप्रैल 26, 2012

यूँही नहीं कविता जन्म लेती ......



ठेस जब भी कोई 
मैंने दिल पे खाई हैं ।
दर्द के बदले मेरी ,
कविता निकल कर आयी हैं ।

इस टूटे हुए दिल से 
आवाज़ जब भी कोई आती हैं 
आज बह ही मेरी ,
कविता कहलाती हैं ।



27 टिप्‍पणियां:

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  2. दर्द में निकली आवाज़ ही उत्कृष्ट कविता होती है.......

    बहुत सुंदर.

    सादर.

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  3. sach kaha hai jab dard had se gujarta hai to kalam se baahar nikalta hai.

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  4. वियोगी होगा पहला कवि,आह से निकला होगा ,गान

    निकलकर अधरों से चुपचाप बही होगी ,कविता अनजान .

    बहुर सुन्दर रचना है भाई जान .बधाई .

    कृपया यहाँ भी पधारें -

    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
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  5. इस टूटे हुए दिल से
    आवाज़ जब भी कोई आती हैं
    आज बह ही मेरी ,
    कविता कहलाती हैं ।मन के भावो को शब्द दे दिए आपने....

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  6. कविता तो भावों की अभिव्यक्ति है। वह तो दर्द में और उभर कर सामने आती है।

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  7. इस टूटे हुए दिल से
    आवाज़ जब भी कोई आती हैं
    आज बह ही मेरी ,
    कविता कहलाती हैं ।

    बहुत सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन भावों की अभिव्यक्ति,......

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....

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  8. jee chahta hai ki har lamha aap ko thes pahuchau taki har lamha aapke dil se kavitayen nikalti rahe..
    kavita achhi lagi kyonki kavita me kavita ke janm ka prasang hai..
    bina thes lage aur bina dil ke tute kavita kaha nikalti hai sir!!!!!!!

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  9. मन का टूटना शब्दों में व्यक्त होता है।

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  10. दर्द को शब्द मिले हो गयी कविता..सुंदर !

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  11. बहुत ही भावपूर्ण और सुंदर अभिव्यक्‍ति !

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  12. इस टूटे हुए दिल से
    आवाज़ जब भी कोई आती हैं
    आज बह ही मेरी ,
    कविता कहलाती हैं ।

    बेहतरीन.

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  13. दिल को दर्द का अहसास हो तो जन्म लेती है कविता।

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  14. दर्द की अभिव्यक्ति ही तो कविता है....

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  15. टूटे हुवे दिल की लाजवाब कविता है ...

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  16. आज 21/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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