साज़िशें हवाओं ने कुछ
मेरे साथ इस तरह कीं|
दिल सुलगता देखकर,
रुख अपना हमारी ओर कर दिया |
मेरी मुहब्बत का सिला ,
मेरे महबूब ने इस तरह दिया |
बुला कर बज़्म में अपनी,
मुझको बेगाना कह दिया |
मेरे साथ इस तरह कीं|
दिल सुलगता देखकर,
रुख अपना हमारी ओर कर दिया |
मेरी मुहब्बत का सिला ,
मेरे महबूब ने इस तरह दिया |
बुला कर बज़्म में अपनी,
मुझको बेगाना कह दिया |
वाह क्या बात शेर कहा है आपने सर. बधाई हो.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन शेर............
जवाब देंहटाएंसाज़िशें हवाओं ने कुछ
जवाब देंहटाएंमेरे साथ इस तरह कीं|
दिल सुलगता देखकर,
रुख अपना हमारी ओर कर दिया | ...waah
...बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंबेगाना कह दिया तो क्या दुगाना चलता रहे... बस!:) अच्छे अश’आर के लिए बधाई सुनिल भाई।
जवाब देंहटाएंWah !!! Bahut khub...
जवाब देंहटाएंwww.poeticprakash.com
वाह !!! बहुत ही बढ़िया शानदार प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंक्या बात है.....
बहुत ही खूब।
जवाब देंहटाएंसाज़िशें हवाओं ने कुछ
जवाब देंहटाएंमेरे साथ इस तरह कीं|
दिल सुलगता देखकर,
रुख अपना हमारी ओर कर दिया |
बहुत सुन्दर
क्या बात है सुनील जी. दोनों शे'र बहुत खूब कहे हैं.
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंक्या बात है.....
सादर...
wah...bahut sundar
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है आपने! दोनों शेर लाजवाब लगा!
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
मेरी मुहब्बत का सिला ,
जवाब देंहटाएंमेरे महबूब ने इस तरह दिया |
बुला कर बज़्म में अपनी,
मुझको बेगाना कह दिया |....बेहद शानदार
बहुत खूब शेर कहे हैं आपने,
जवाब देंहटाएंवाह वाह ! गागर में सागर
जवाब देंहटाएंवाह - सुन्दर मोती ---- ढेरों शुभ कामनाये,
जवाब देंहटाएंbhaut khub...
जवाब देंहटाएंbahut khub Sunil ji...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और बेहतरीन शेर......बधाई
जवाब देंहटाएंBehtareen Sher hain dono.... badhaaiiiii
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयोग बढ़िया रचना !
जवाब देंहटाएंKhoobsoorat!
जवाब देंहटाएं:)
Ashish
बहुत ही मनभावन प्रस्तुति । कामना है सर्वदा सृजनरत रहें । मेरे नए पोस्ट पर आपकी आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंमेरी मुहब्बत का सिला ,
जवाब देंहटाएंमेरे महबूब ने इस तरह दिया |
बुला कर बज़्म में अपनी,
मुझको बेगाना कह दिया |
यही रवायत है दुनिया की दिल जलों से पूछ देखो .बेहरसूरत दोनों शैर खूबसूरत हैं .
साज़िशें हवाओं ने कुछ
जवाब देंहटाएंमेरे साथ इस तरह कीं|
दिल सुलगता देखकर,
रुख अपना हमारी ओर कर दिया |
......... dono bahut umda . sher .........kam shabdo me hawa ki rawani bayan kar gaye . badhai .
बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसमय ख़राब चल रहा है। ज़रा संभलकर।
जवाब देंहटाएंtouching lines...
जवाब देंहटाएंbaht khub surat .badhai
जवाब देंहटाएंसुनील जी
जवाब देंहटाएंक्या कहे
आपके दोनों शेरो ने गज़ब ढाया है ..
सीधे दिल पर पहुंचे है तीर !!
बधाई !!
आभार
विजय
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कृपया मेरी नयी कविता " कल,आज और कल " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/11/blog-post_30.html
वाह ... दोनों शेर कमाल हैं ... सुब्गान अल्ला इस अदायगी पर ...
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