आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।">चर्चा
yathart ko batati hui bahut hi shaandaar rachanaa.bahut badhaai aapko. मुझे ये बताते हुए बड़ी ख़ुशी हो रही है , की आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (१६)के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /आपका ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर स्वागत है /आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए / जरुर पधारें /
मन ही मन पी लो ये आँसू..
जवाब देंहटाएंसुनील जी..आपने बहुत ही संवेदनसील सुंदर रचना लिखी है अच्छी पोस्ट ...बधाई
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट में स्वागत है ...
Bahut bhavuk rachana!
जवाब देंहटाएंसच है सबके मन में अब असंवेदनशीलता घर कर चुकी है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंसंवेदनाहीनता के वातावरण में आँसू रुक तो नहीं न!
जवाब देंहटाएंसंवेदनहीन संसार में आंसुओं को कौन देखता है...
जवाब देंहटाएंगिर रहे हैं
जवाब देंहटाएंतुम्हारे यह आँसू
संवेदनहीनता की रेत पर|
सुन्दर अभिव्यक्ति.....
पत्थर बन गये हैं दिल और शून्य हो गई हैं संवेदनाएँ !
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण सुंदर अभिव्यक्ति ! बधाई !
आंसू ब्यर्थ नहीं होते.... कभी न कभी तो ये सैलाब बन ही जाएंगे और गम को डुबो देंगे
जवाब देंहटाएंसंवेदना से भरी पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंक्योंकि
जवाब देंहटाएंगिर रहे हैं
तुम्हारे यह आँसू
संवेदनहीनता की रेत पर|
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ|
बहुत खूबसूरत संवेदनशील रचना |
जवाब देंहटाएंbhawbhini......
जवाब देंहटाएंsundar aur bhavpoorna kavita
जवाब देंहटाएंसही है सुनील जी,
जवाब देंहटाएंजब तुम हंसते हो तो सारा जग तुम्हारे साथ हंसता है मगर जब तुम रोते हो तो सदा अकेले होते हो!!
गहरे मन में उतरने वाली पंक्तियां....
जवाब देंहटाएंआपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा दिनांक 07-11-2011 को सोमवासरीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।">चर्चा
सुन्दर लिखा है..व्यर्थ जाया नहीं करना चाहिए.
जवाब देंहटाएंअसंवेदनशीलता में सारे प्रयत्न व्यर्थ ही रह जाते हैं. बहुत सुंदर लिखा है.
जवाब देंहटाएं...... गिर रहे हैं ...संवेदन हीनता की रेत पर ......मुखर अभिव्यक्ति ...प्रशंसनीय काव्य ....बधाईयाँ जी /
जवाब देंहटाएंसम्वेदनहीनता की रेत पर आँसू सूख ही जाते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पंक्तियाँ.......
जवाब देंहटाएंसही बात कही आपने..... अति सुन्दर...
जवाब देंहटाएंक्योंकि
जवाब देंहटाएंगिर रहे हैं
तुम्हारे यह आँसू
संवेदनहीनता की रेत पर।
प्रभावशाली कविता। कम शब्दों में बहुत गहरी बात कह दी आपने।
bahut hi badhiya likha hai,,
जवाब देंहटाएंlekin shayad aanshu kabhi bekaar nahi jate
संवेदन हीनता की रेत पर.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
सादर...
संवेदन शील रचना और आज का यथार्थ भी बहुत अच्छा लिखा है
जवाब देंहटाएंरेत तो खुद ही प्यासी होती है .... पी जाएगी तुम्हें भी ... तुम्हारे आँसुओं के साथ
जवाब देंहटाएंमत बहाओ,
जवाब देंहटाएंव्यर्थ
तुम अपने यह आँसू |
बिलकुल सही बात है... रोक लो इन्हें...संवेदनशील रचना
सुन्दर पंक्तियाँ,अच्छी प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसंवेदनहीनता के केक्टस उग रहें हैं चारों तरफ
जवाब देंहटाएंसंवेदना जागे तभी आंसू और व्यथा संप्रेषित हो पायेंगे!
जवाब देंहटाएंगिर रहे हैं
जवाब देंहटाएंतुम्हारे यह आँसू
संवेदनहीनता की रेत पर|
बहुत खूब ..
सही कहा है आपने!
जवाब देंहटाएंआज के स्न्वेद्न्हीन्ता को व्यक्त कराती
ईद मुबारक .बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति .ये आंसू मेरे दिल की जुबान हैं
जवाब देंहटाएंyathart ko batati hui bahut hi shaandaar rachanaa.bahut badhaai aapko.
जवाब देंहटाएंमुझे ये बताते हुए बड़ी ख़ुशी हो रही है , की आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (१६)के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /आपका
ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर स्वागत है /आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए / जरुर पधारें /
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
कटु सत्य कह दिया।
जवाब देंहटाएंwaah... samvednako kitne kam shabdon mei samet liya aapne...
जवाब देंहटाएंyehi sach h
जवाब देंहटाएंbahut samvedansheel rachna, shubhkaamnaayen.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया संवेदनशील प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंआँसू अपने आप में एक नियामत हैं... बहकर यह मन को हल्का कर देते हैं और आँखों को स्वच्छ...
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder maat bahao ye ansoo.......jab gagar bhar jati hai to annsoo apne -aap chalak jate hai . badhai aapko .
जवाब देंहटाएंhttp/sapne-shashi.blogspot.com
गिर रहे हैं
जवाब देंहटाएंतुम्हारे यह आँसू
संवेदनहीनता की रेत पर|.....
बहुत बढ़िया चित्र