बुधवार, अक्तूबर 01, 2014

मेरा सूरज

मेरी छत पर आकर सूरज
क्यों ? जल्दी ढल जाता है |

उगते सूरज की पहली किरण ,
जब मेरे आँगन में पड़ती है |
फटा बिछौना टूटी खटिया ,
यही तो उसको दिखती है |

धीरे धीरे तपता  सूरज ,
जब मेरी रसोई में आता है |
खली बर्तन ,ठंडा चूल्हा ,
और नहीं कुछ वह पाता है |

लिए लालिमा सूरज ,
जब मेरी खिड़की पर आता  है|
बूढ़ी माँ का पीला चेहरा ,
शायद वह देख ना पाता है |

इसी लिए तो मेरी छत पर ,
आकर सूरज जल्दी से ढल जाता है |