आज फिर एक पुरानी रचना जो मुझे अच्छी लगती है अब क्या ख्याल है आपका !
आसमान में लाखों तारे
पर एक ही तारा मुझको भाया |
और टूटा वह, एक ही तारा ,
जो मेरी किस्मत में आया |
चलो मान ही लेता हूँ मै ,
यह मेरी किस्मत में लिखा हुआ था |
मगर फिर क्या दोष था उसका ,
जो आसमान में में सजा हुआ था |
हम दोनों की एक ही किस्मत
हम दोनों की एक सी बातें |
साथ में अपने रहते लाखों
फिर भी अकेले हम कहलाते |
एक विविधता हम दोनों की
जो आज मेरी समझ में आयी |
उसका अपनों से सच्चा रिश्ता
और मेरा अपनों से मिथ्या नाता ,
तभी तो उसका जीवन एक कथा है
और मेरा जीवन एक व्यथा है |
vividhta jab samajh mein aai to use suljhana zaruri hai...bahut kuch vyakt kerti rachna
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ...विचारों की गहन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंजो मिले, उसे स्वीकार कर आगे बढ़ सकें।
जवाब देंहटाएंbahut achchi lagi.....
जवाब देंहटाएंहद है जी किस्मत की,
जवाब देंहटाएंतारा भी कौन सा टूटा जो हमें पसंद आया था।
बहुत सुंदर रचना-
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
Accha lagta hai aapko padhna.Badhiya likh rahe hoaap.meri hardik shubh kamnayen.
जवाब देंहटाएंsasneh
dr.bhoopendra
mp
गहन अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंखजाने से उम्दा चीज निकाली है ढूंड कर. दिल को छूती मन की अभिव्यक्ति एक दम मासूम सी. बधाई.
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति है सुनील जी
जवाब देंहटाएंआभार
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!
जवाब देंहटाएंहाए गजब कहीं टूटा तारा,
जवाब देंहटाएंटूटा भी वही जो हमें था प्यारा..
विचार कहाँ से कहाँ तक जाते हैं ... सुंदर रचना है ...
जवाब देंहटाएंजो तारा टूटा ...बस वही अपना नहीं होता
जवाब देंहटाएंदिल की सोच को शब्द दे दिए आपने ..बहुत खूब
जो तारा टूटा उससे आपने कब पूछा कि तेरा रिश्ता सच्चा था और यह कब जाना कि मेरा मिथ्या है, जो भी दिखता है सब ही तो मिथ्या है सत्य छिपा ही रहता है...
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव और गहन अभिव्यक्ति......
जवाब देंहटाएंbahut khoob....sundar abhivyakti....aabhar...
जवाब देंहटाएंजिंदगी की तल्ख सच्चाई बयां कर दी है आपने।
जवाब देंहटाएं---------
हॉट मॉडल केली ब्रुक...
नदी : एक चिंतन यात्रा।
जीवन केवल इतना ही नहीं है। वह इन रिश्तों से बहुत आगे जाता है।
जवाब देंहटाएंगहन चिंतन बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना... विचारों की अच्छी अभिव्यक्ति है
जवाब देंहटाएंआभार
फणी राज
बहुत बढ़िया,क्या बात भाई.
जवाब देंहटाएंसुनील जी......
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी भावनाएं हैं इस कविता में....
ये आपका ही नहीं , सभी का सवाल है...
जवाब देंहटाएंमेरी किस्मत में वो क्यों था ?
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क्या मानवता भी क्षेत्रवादी होती है ?
बाबा का अनशन टुटा !
उसका जीवन एक कथा है ,मेरा जीवन एक व्यथा है ।
जवाब देंहटाएंमार्मिक अभी व्यक्ति और एक यथार्थ भी एक साम्य भी -ये जो तारे तारे पास पास नजर आतें हैं पृथ्वी से हज़ारों हज़ार मील दूर हैं परस्पर .भीड़ में ये भी अकेले हैं वे जो एक तारा मंडल तारा समूह बनाते लगतें हैं ,लघु सप्त ऋषि और अरसा मेजर वो भी भैया दूर दूर हैं .लेकिन प्रकृति विच्छिन्न होते हुए भी हमें साथ रहने का सन्देश देती हैं संयुक्त होने का आवाहन करती हैप्रकृति का एक तंत्र है एक विधान है
और हम -भाई संजीव सलिल के शब्दों में -
नहीं एक क़ानून है ,नहीं एक है नीति
आतंकी पर प्रीती है ,और संत हित भीति।
सुन्दर भाव अभिव्यक्ति के लिए बधाई .
चलो एक तारा तो मिला वर्ना एकतारा बजाते रह जाते:)
जवाब देंहटाएंवाह वाह - अति सुंदर
जवाब देंहटाएंकथा और व्यथा का अंतर आपने अपनी रचना के माध्यम से अच्छी तरह समझा दिया .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रतीक ... संवेदनशील रचना ...
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता। क्या बात है
जवाब देंहटाएंप्रतीकात्मक रचना ...
जवाब देंहटाएंभाव सुन्दर .. जो मिला वही भला