Sunil ji sundar rachna ke liye badhai sweekaren. मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं
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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल
इस ख़त में कुछ लफ्ज़ , खून ए ज़िगर से भी लिखे हैं | नुक्ते की जगह मैंने , आँख का मोती लगा के रखा है बहुत ही खूबसूरत शेर /दिल को छु लेने वाली रचना /बहुत बधाई आपको / मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है /जरुर आइये/ www.prernaargal.blogspot.com
वह लफ्ज़ जिन्हें तेरे ख़त में मैं शामिल ना कर सका उनको मैंने बस तेरी , ग़ज़ल के लिए बचा कर रखा है.... लफ्ज़ इतने ख़ूबसूरत हैं तो ग़ज़ल कैसी होगी....... बहुत सुन्दर रचना
नुक्ते ही नुक्ते मिले लफ्ज मिला नहीं एक. मोती चुन-चुन रख लिए,कागज दिया है फेंक. बिना लफ्ज का खत मानो,बिन दस्तखत का चेक जल्दी से फिर खत लिखो , रस्ता रहे हैं देख.
इस ख़त में कुछ लफ्ज़ , खून ए ज़िगर से भी लिखे हैं | नुक्ते की जगह मैंने , आँख का मोती लगा के रखा है बहुत खूब सुनील भाई .दोनों शैर काबिले दाद !शुक्रिया ज़नाब का .
खून बचा कर रखना है।
जवाब देंहटाएंनुक्ते की जगह मैंने ,
जवाब देंहटाएंआँख का मोती लगा के रखा है
वाह , वाह , बहुत खूब शे'र कहा है ।
बस लब्ज़ की जगह लफ्ज़ कर लें ।
Sunil ji
जवाब देंहटाएंsundar rachna ke liye badhai sweekaren.
मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं
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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल
बहुत सुन्दर शेर...वाह ...ऊपर वाला तो बहुत जोरदार है ...
जवाब देंहटाएंऔर तब गज़ल इतनी सशक्त।
जवाब देंहटाएंबेहद प्रवाभशाली अभिव्यक्ति ! बधाई स्वीकारें!
जवाब देंहटाएंbahut hi khoobsoorat lafzo se saji rachna.............
जवाब देंहटाएंइस ख़त में कुछ लफ्ज़ ,
जवाब देंहटाएंखून ए ज़िगर से भी लिखे हैं |
नुक्ते की जगह मैंने ,
आँख का मोती लगा के रखा है
बहुत ही खूबसूरत शेर /दिल को छु लेने वाली रचना /बहुत बधाई आपको /
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है /जरुर आइये/
www.prernaargal.blogspot.com
wah ji kya baat hai..shamsheer ki dhaar badhti ja rahi hai.
जवाब देंहटाएंबेहद प्रवाभशाली और सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंवह लफ्ज़ जिन्हें तेरे ख़त में
जवाब देंहटाएंमैं शामिल ना कर सका
उनको मैंने बस तेरी ,
ग़ज़ल के लिए बचा कर रखा है....
लफ्ज़ इतने ख़ूबसूरत हैं तो ग़ज़ल कैसी होगी....... बहुत सुन्दर रचना
बहुत खुबसूरत रचना ..........बहुत खूब
जवाब देंहटाएंमुझ से मत पूछ मेरे इश्क में क्या रखा है
जवाब देंहटाएंएक शोला है जो सीने से लगा रखा है ॥
Lovely words...Beautiful...
जवाब देंहटाएंनुक्ते की जगह मैंने ,
जवाब देंहटाएंआँख का मोती लगा के रखा है
-वाह, क्या बात है!! बेहतरीन!!
इस ख़त में कुछ लफ्ज़ ,
जवाब देंहटाएंखून ए ज़िगर से भी लिखे हैं |
नुक्ते की जगह मैंने ,
आँख का मोती लगा के रखा है
वाह...... बेहतरीन
wow ....... very lovey .. sundar alfaj ke saath bahut kuch kah gayi.. :)
जवाब देंहटाएंsapne-shashi.blogspot.com
बहुत गहन भावों का सम्प्रेषण, जो शब्द बचा कर रखे हैं ...उनसे तो समय - समय पर बेहतर ग़ज़ल तो निकला ही करेगी न ....!
जवाब देंहटाएंगर बचा कर न रखते ,
जवाब देंहटाएंऔर ख़त में ही लिखते
मैं क्यूँ इतना रोती,
तुम अपने से लगते।
वाह ! वाह ! बहुत उम्दा रचना !
जवाब देंहटाएंबेहद प्रवाभशाली और खुबसूरत रचना ....
जवाब देंहटाएंबहुत गहराईयों से निकली हुई है ये पंक्तियाँ ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
जवाब देंहटाएंनुक्ते ही नुक्ते मिले लफ्ज मिला नहीं एक.
जवाब देंहटाएंमोती चुन-चुन रख लिए,कागज दिया है फेंक.
बिना लफ्ज का खत मानो,बिन दस्तखत का चेक
जल्दी से फिर खत लिखो , रस्ता रहे हैं देख.
आपके सुंदर भावों ने मन मोह लिया.
beautiful but strong expressions !!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति !बहुत खूब बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंइस ख़त में कुछ लफ्ज़ ,
जवाब देंहटाएंखून ए ज़िगर से भी लिखे हैं |
नुक्ते की जगह मैंने ,
आँख का मोती लगा के रखा है
बहुत खूब सुनील भाई .दोनों शैर काबिले दाद !शुक्रिया ज़नाब का .
ohhh nice....sirji
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है नुक्ते की जगह आँखों के मोती ... क्या कल्पना है सुनील जी ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...सुन्दर शब्द और कोमल भावनाएं....सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंbhaavo ki sundar abhivaykti...
जवाब देंहटाएंदिल अपनी भावनाओं को आँख के मोती
जवाब देंहटाएंसे ही प्रदर्षित करता है।अच्छी अभिव्यक्ति।
बहुत बढ़िया .... सशक्त ,गहन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह वाह....
जवाब देंहटाएंक्या बात है...
बेहतरीन रचना।
बहुत गज़ब के भाव ...
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