चीन भारत की ज़मीन हड़पने में लगा हुआ और हम मूक दर्शक बने हुए है | सैन्य कार्यवाही
की बात तो हम सोंच ही नहीं सकते क्योंकि हमने शांति के पुजारी का दर्जा हासिल कर
लिया है | हाँ अंतर्राष्टीय मंच पर एक दो बार इस मुद्दे को उठा देते है ताकि विपक्ष इस मुद्दे को
संसद में ना हथिया सके | हिंदी चीनी भाई भाई का यह नारा आज हमें सार्थक नजर आ रहा
है | बस एक फर्क है चीनी दूसरे देश की जमीन हड़प रहा है और हमारे भू माफिया अपने देश
के अन्दर की ज़मीन हड़प रहे है | अब यह रोग लाईलाज प्रतीत होता है | लेकिन किसी भी
इलाज में एंटी बायटिक का विशेष महत्व है | मैंने सोचा क्यों ना प्रयोग कर के देखा जाये |
एक दिन हमने चीन को धमकी दे दी |
चीन ने सीमा पर चौकसी कड़ी कर दी |
हमने कहा , जिस दिन हमारे भू माफिया की
नजर तुम्हारी ज़मीन पर पड़ जाएगी |
कुछ दिन के बाद तुम्हें वहां ,
एक बड़ी बिल्डिंग नजर आएगी |
अब चीन परेशान था |
क्योंकि उसे हमारे इन दिग्गजों की ,
सांठ गांठ और इनकी शक्ति का ज्ञान था |
लोहा गर्म देख कर एक और प्रहार के दिया
और उसको भविष्य बारे में आगाह कर दिया |
कि उस दिन तुम्हारी यह ,
आधी खुली ऑंखें , पूरी खुल जाएँगी |
जब उन्ही बिल्डिंगों से झांकती हुई
तुम्हारे नेताओं और फौजियों कि बीबियाँ नजर आएँगी |
वाह...........वाह.......वाह
जवाब देंहटाएंबढ़िया हास्य ...व्यंग भी
सटीक......सही धमकाया.
जवाब देंहटाएंदिल के बहलाने को ग़ालिब ख़याल अच्छा है .बहर -सूरत "भू -माफिया "की (आजकल रीयल -टार्स कहतें हैं इन्हें कैसे बाकी सब वैर्च्युअल ही हों इनके बरक्स )।
जवाब देंहटाएंअच्छा व्यंग्य विनोद परोसा है सुनील भाई !मुबारक !अच्छा पैसा कूटोगे,अशोक चक्रधर को लूटोगे !
सही बात है, आजकल तो उन्हीं का जोर है।
जवाब देंहटाएंवाह कमाल कर दिया आपने तो। कमाल का व्यग्ंय।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया .....सटीक व्यंग :)
जवाब देंहटाएंवाकई सटीक !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा और सटीक व्यंग .....
जवाब देंहटाएंसुनील बाबू! जबरदस्त डोज़!!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन व्यंग्\
जवाब देंहटाएंआंखे खुलवाने का प्रयोग बहुत जंच गया. मुझे लगता है चीनी अभी इस विद्या में पारंगत नहीं हुए है. इसे तो पेटेंट करा दीजिए.
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब लिखा है आपने! सटीक व्यंग्य! लाजवाब प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपका प्रयोग तो जबरदस्त लगा... तीखा कटाक्ष
जवाब देंहटाएंवाह वाह !! यानि कि हमारे देश का भ्रष्टाचारी भी देश सेवा के काम आ सकता है...
जवाब देंहटाएंphali baar main aapke blog main aai hoon.aapki jasya-byang per likhi rachanaa bahut achchi lagi.badhaai aapko.
जवाब देंहटाएंplease visit my blog and leave the comments also.thanks
Bahut badhiya.
जवाब देंहटाएं............
तीन भूत और चार चुड़ैलें।!
14 सप्ताह का हो गया ब्लॉग समीक्षा कॉलम।
अच्छा है कि एक झटका दे कर एक और झटका दे दिया और वे होश में आ गए.
जवाब देंहटाएंअच्छा व्यंग है.
सच है हमारे यहाँ के भू-माफिया कुछ भी कर सकते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार और सटीक व्यंग.. वाह जी
जवाब देंहटाएंबहुत लाज़वाब और सटीक व्यंग...
जवाब देंहटाएंNICE ONE......
जवाब देंहटाएंभाई सुनील कुमारजी !आपकी नै रचना नका इंतज़ार है .मुन्तजिर हैं हम !
जवाब देंहटाएंbahut barhiya vyangya.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पोस्ट भाई सुनील जी बहुत बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएं:) :) बढ़िया हास्य
जवाब देंहटाएंप्रहार करारा है ..आनंद आ गया ..आभार
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