एक गज़ल के लिए मतला ,कुछ शेर और गज़ल मकता होना जरुरी है | मगर कुछ गज़ल
बिना मकते के ही मुक्म्मल हो जाती है | मकता जिसमें शायर का तख़ल्लुस आता है |
आज मै एक मुकम्मल ग़ज़ल पेश कर रहा हूँ | मै एक नये तख़ल्लुस की तलाश में हूँ |
अगर आप लोग मेरी कुछ सहायता कर सकें तो, तख़ल्लुस पसंद आने पर यह शेर उसकी
शान में पढ़ा जायेगा |
दुआएं ,वह लम्बी उम्र की मेरे दिल से पायेगा
जिसने, कुछ वक्त मेरे लिए ज़ाया किया होगा |
मौत के साये में पलती जिन्दगी देखी है मैंने
ज़िन्दगी की खातिर मरती ज़िंदगी देखी है मैंने |
वोझ इतना कि चलना हो मुश्किल एक कदम
उस पर कुछ तेज चलती ज़िंदगी देखी है मैंने |
जिस चौराहे पर आकर बनते है अपने अजनवी
बस उसी चौराहे पर खड़ी ज़िंदगी देखी है मैंने |
ज़िंदगी को संवारना एक मुश्किल काम था" सुनील "
बस इस लिए बरबाद होती ज़िंदगी देखी है मैंने |
जिन्दगी सवारने में जिन्दगी निकल गयी, वाह।
जवाब देंहटाएंper kai baar intzaar karti hai zindagi
जवाब देंहटाएंजिंदगी की खातिर मरती जिंदगी देखी है मैने..
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर
जिस चौराहे पर आकर बनते है अपने अजनवी
जवाब देंहटाएंबस उसी चौराहे पर खड़ी ज़िंदगी देखी है मैंने |
bahut hi dil ko chunewaali rachanaa.badhaai aapko
उम्दा ग़ज़ल....
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रभावशाली रचना है एक एक पंक्ति दिल की तह तक जाती है..मुक्कमल ग़ज़ल
जिन्दगी से रूबरू है शायद जिन्दगी
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शब्दों के साथ बेहतरीन रचना ।
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर....आपकी रचनाएं पढकर और आपकी भवनाओं से जुडकर....
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत गज़ल..हरेक शेर दिल को छू जाता है..
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ से भी एक
जवाब देंहटाएंजिदंगी जीने के लिए ना जाने कितनी बार मरा हुॅ
लेकिन आज भी जिदंगी से मैं डरा डरा हॅु।
जिंदगी की खातिर मरती जिंदगी देखी है मैने..
जवाब देंहटाएंमौत का इंतज़ार करती ज़िंदगी देखी है मैंने.....
दिल की गहराइयों तक जाती मुक्कमल ग़ज़ल ......
bahut hi sunder shabdon ke sath behatareen gazal....... sunder prastuti.
जवाब देंहटाएंनील गगन तले ज़िंदगी गुज़र रही है तो ‘नील’ तक़्ल्लुस कैसा रहेगा...सुनील कुमार ‘नील’ :)
जवाब देंहटाएंवाह ..बहुत खूबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंकभी ज़िंदगी के दूसरे पहलू को भी सामने रखकर उसे सम्पूर्णता में देखें।
जवाब देंहटाएंजिंदगी ऐसे ही होती है | अच्छा लगा ग़ज़ल |
जवाब देंहटाएंप्रभावित करती है ग़ज़ल.... ज़िन्दगी का फलसफा कुछ ऐसा ही है
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ...बहुत बढ़िया है ।
जवाब देंहटाएंक्या खूब ...अति शानदार
जवाब देंहटाएंमन प्रसन्न हों गया.
आभार.
bhut bhut khubsurat gazal...
जवाब देंहटाएंग़ज़ल के भाव बहुत ही बेहतरीन हैं... मेरे ख्याल से 'नील' तखल्लुस अच्छा रहेगा...
जवाब देंहटाएंआद. सुनील जी,
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावनाओं से सुसज्जित आपके खूबसूरत प्रयास की सराहना करता हूँ !
सुंदर भाव की गज़ल. जिंदगी को समझते जिंदगी निकल जाती है.
जवाब देंहटाएंतखल्लुस के लिए प्रतियोगिता. ये ख्याल भी अच्छा है. शुभकामनाएँ
जिस चौराहे पर आकर बनते है अपने अजनबी
जवाब देंहटाएंबस उसी चौराहे पर खड़ी देखी है ज़िंदगी मैंने.
बहुत ही उम्दा शे'र है. आपकी ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी.
किसी को क्या मालूम मकते तख्ख्लुस की बातें
जवाब देंहटाएंअड़ गई जब गाती हुई जिंदगी देखी है मैंने
गजल का हर शेर प्रभावशाली है, शुभकामनायें, आप जो भी तख्खलुस रखेंगे अच्छा ही होगा.
जवाब देंहटाएंतखल्लुस नया चाहिए तो गली में आज़ रात जोर-जोर से (बेवजह) चिल्लाइये ... कुछ पडौसी आपकी मदद जरूर करेंगे.
जवाब देंहटाएंजो नाम ग़ज़ल में फिट बैठे वही बेहतरीन तखल्लुस होगा :)
एक मोहतरमा ने एक बार मुझसे कहा कि उन्हें गजल बेहद पसंद है. तब मैंने उनसे कहा कि
"ओ ग़ज़लप्रिये ! गज गमन चली...मुझको कविता ही लगे भली.
चलती कविता निज मस्त चाल... भूलोगी चलना ग़ज़ल गली.
अच्छे भाव .....उम्दा शेर
जवाब देंहटाएंachhi gajal....
जवाब देंहटाएंगज़ब ………गज़ब ………गज़ब की गज़ल्।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल..शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंमुक़र्रर !मुक़र्रर !बेहतरीन !मरबे -हवा !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना..
जवाब देंहटाएंआपका तखल्लुस "नादां"
बहुत ही सुंदर ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंज़िंदगी के कुछ पहलुओं पर गहरी नज़र डालती हुई रचना।
अच्छी गज़ल ......आभार !
जवाब देंहटाएंआपकी ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएंरही तखल्लुस की बात .....तो ‘सुनील’ तक़्ल्लुस तो बुरा नहीं...जो आप दूसरा खोजने निकले.
आखिर यह माता-पिता जी का दिया नाम है. इसे ही रोशन करिये सुनील जी.
really a fine Ghazal,dear Sunil bhaaaai ji.
जवाब देंहटाएंanoneed to have a title,modern concept of ghazal needs no traditional system except lyricalbalance.My heartly best wishes and thanks for coming on my blog.Keep coming.Regards,
dr.bhoopendra
rewa
mp+
खूब परिभाषित किया है आपने ज़िन्दगी को
जवाब देंहटाएंVery touching lines about life. Beautiful !
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत गज़ल ,आभार ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण ग़ज़ल लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
जवाब देंहटाएंजिंदगी संवरने के लिए बलिदान मांगती है
जवाब देंहटाएंटिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत भाव समेटे हैं| बधाई|
जवाब देंहटाएं