मेरी पिछली पोस्ट" शेर यूँ मुकम्मल हुआ " पर एक बेनामी टिपण्णी ने मुझे आपनी
गलती का अहसास करा दिया | जिसके अनुसार किसी की सृजन क्षमता को परखने
का मुझे कोई अधिकार नहीं है | अत आपसे क्षमा चाहूँगा |
लीजिये आज फिर मतला और एक शेर अर्ज है |
उस लम्हे की भी
कुछ और कहानी होती |
ग़र उसकी अदायगी
तेरी जुबानी होती |
अगर समुन्दर में
तूफान ना आया होता |
मेरी कश्तियों की भी
कुछ और कहानी होती |
per tufaanon ke bich bhi ek kahani to hai...
जवाब देंहटाएंkya baat hai
जवाब देंहटाएंमुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता
जवाब देंहटाएंअगर तूफ़ां नहीं आता किनारा मिल गया होता :)
बहुत खूब है।
जवाब देंहटाएंपहली बार आप का लिख शेर पढ़ रही हूँ ,अच्छा लगा |
जवाब देंहटाएंNihayat sundar rachana hai!
जवाब देंहटाएं"gar samundar me toofaan n aayaa hotaa ,
जवाब देंहटाएंkashtiyon kee bhi kuchh aur kahaani hoti "
Zindgi kitni ruhaani hoti ,
teri meri kahaani hoti ,
gar mausam kee meharbaani hoti ,
baat karne me ravaani hoti .
veerubhai .
(Teach me to comment in Hindi .).
बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंBhut khoob.... Kamaal ki Panktiyan
जवाब देंहटाएंउस लम्हे की भी
जवाब देंहटाएंकुछ और कहानी होती |
ग़र उसकी अदायगी
तेरी जुबानी होती |
अगर समुन्दर में
तूफान ना आया होता |
मेरी कश्तियों की भी
कुछ और कहानी होती |
भाई सुनील कम शब्दों में बहुत बड़ी बात आपने कह दिया बधाई और शुभकामनाएं |
सार्थक रचना के लिए आभार
जवाब देंहटाएंwaah! bhut khubsurat...
जवाब देंहटाएंअच्छी शुरुआत है,आहिस्ता आहिस्ता पूरी ग़ज़ल भी कह लेंगे.
जवाब देंहटाएंउस लम्हे की भी
जवाब देंहटाएंकुछ और कहानी होती
गर उसकी अदायगी
तेरी जुबानी होती !
यही तो सबकी मुश्किल है
पर ऐसा होता नहीं !
बहुत ही बढ़िया ...आभार
जवाब देंहटाएंक्या बात है भाई क्या बात है। तू कहता तो बात ही कुछ और होती और साथ ही समुद्र में तूफान न आता तो कश्ती की कहानी ही बदली हुई होती ।
जवाब देंहटाएंएक निवेदन और मैने आपकी रचना शेर यूु मुकम्मल हुआ में उस वेनामी टिप्पणी को तलाशा जिसमें आपकी गलती का अहसास कराया गया है मगर वह टिप्पणी मुझे मिली नहीं ।
बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंpyari rachna hai :]
जवाब देंहटाएंprabhavshaali. chhote me hi kamaal.
जवाब देंहटाएंBhut khoob sir! Mujhe to ye panktiyan behad pasand aayi.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति, तूफानों से टकराने पर कभी कभी नयी दास्तानें बन जाती हैं..
जवाब देंहटाएंachchha sher hai kavita me khate to aur maja aata
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत अलफ़ाज़....
जवाब देंहटाएंअब क्या कहूँ, बढ़िया ,बहुत बढ़िया या कुछ और.कुछ न कुछ तो बात है ही आपकी प्रस्तुति में.
जवाब देंहटाएंBAHUT BHAV PURN RACHNA PADHNE KO MILI ISKE LIYE DHANYWAD. . . . . . JAI HIND JAI BHARAT
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