अनेक रूपा नारी व्याख्या से परे ही रहती है .वास्तव में शक्ति का स्रोत सृष्टि को चलाए रखने का गुरुतर भार वही उठा सकती है पुरुष सिर्फ पेशीय दम्भ लिए घूमता है जीवन ओर जगत में .
sundar bhavbhini abhivyakti hetu bdhai. yakinan nari ke kisi bhi roop ko sirf mahimamandit hi kaya ja ska hae use samjhpane ki cheshta kisi ne nahin ki....mere blog par aayen tatha vivechana karen svagat hae..
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सुन्दर रूप नारी के...
जवाब देंहटाएंचेतावनी का जवाब नहीं... आभार
नारी तेरे कितने रूप...महिमा अपरम्पार है ॥
जवाब देंहटाएंbeautiful....
जवाब देंहटाएंमगर हर रूप एक से बढकर एक. . सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंनारी के हर -एक रूप का सुन्दर वर्णन ....
जवाब देंहटाएंरूप नारी के, सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबड़ा ही स्पष्ट संदेश..
जवाब देंहटाएंनारी के सभी रूप का बड़ा ही सरल सा चित्र, वाह !!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब वाह!
जवाब देंहटाएंनारी तेरे रूप अनेक.
जवाब देंहटाएंनारी के रूपों का रचना के द्वारा सुंदर चित्रण "नारी तेरे रूप अनेक"
जवाब देंहटाएंलाजबाब पोस्ट,...
मेरे नए पोस्ट के लिए--"काव्यान्जलि"--"बेटी और पेड़"--में click करे
चेतावनी के साथ सटीक रूप दिखा दिए ..
जवाब देंहटाएंनारी के रूपों का सुंदर चित्रण।
जवाब देंहटाएंjiska har insan hai aabhari, wo hai naari....
जवाब देंहटाएंbadhiya prastuti...
बढ़िया चित्रण...
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता - आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सरल मगर प्रभावी रचना
जवाब देंहटाएंवाह! क्या खूब कहा!
जवाब देंहटाएंलेकिन लेबल में
नारी के आगे
महीमा शब्द खला
आपने जो कहा
सोलह आने
सच्ची कहा।
वाह ...
जवाब देंहटाएंaurat ka har rup ko bahut achi tarah se bataya apne.. simple and beautiful.
जवाब देंहटाएंनारी तेरे रूप अनेक.
जवाब देंहटाएंअनेक रूपा नारी व्याख्या से परे ही रहती है .वास्तव में शक्ति का स्रोत सृष्टि को चलाए रखने का गुरुतर भार वही उठा सकती है पुरुष सिर्फ पेशीय दम्भ लिए घूमता है जीवन ओर जगत में .
जवाब देंहटाएंsundar bhavbhini abhivyakti hetu bdhai. yakinan nari ke kisi bhi roop ko sirf mahimamandit hi kaya ja ska hae use samjhpane ki cheshta kisi ne nahin ki....mere blog par aayen tatha vivechana karen svagat hae..
जवाब देंहटाएंsundar bhavbhini abhivyakti hetu bdhai. yakinan nari ke kisi bhi roop ko sirf mahimamandit hi kaya ja ska hae use samjhpane ki cheshta kisi ne nahin ki....mere blog par aayen tatha vivechana karen svagat hae..
जवाब देंहटाएंसच है खेलोगे तो ये अम्बा बन जायगी ...
जवाब देंहटाएंबहुत सच लिखा है ...
लास्ट वाला पैरा बड़ा डेंजरस है गुरू!
जवाब देंहटाएंbahut khub :)
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