गुरुवार, दिसंबर 08, 2011

फिर यह क्यों ना बदला ..........


हम  बदले , तुम बदले 
जग बदला , सब बदला 
फिर यह क्यों ना बदला  
अब भी यही कहानी है| 
 भैया का तो नया है नेकर 
 बहन की फ्राक पुरानी हैं| 


(चित्र गूगल के सौन्जय से )

38 टिप्‍पणियां:

  1. यह फर्क न ही बदला है न ही बदलेगा

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  2. बदल रहा है जमाना.... बदल रही है दुनिया.... उम्‍मीद पर दुनिया कायम है.....

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  3. समाज की विषमता, खासकर बेटे और बेटियों में, को दर्शाती रचना सटीक व सार्थक है।

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  4. सुनील कुमार जी,...
    समय तजी से बदल रहा है,अब वो दिन दूर नहीं है,.....

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  5. आपकी प्रस्तुति विचार मंथन कराती है.
    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.

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  6. बहुत कुछ है जो बदल के भी नहीं बदला......

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  7. फ्रॉक पुरानी नहीं है नज़रिया पुराना है. यह बदल जाए तो फ्रॉक भी नई आ जाएगी. अच्छी रचना.

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  8. बहुत सही बात...बदल जाने का भ्रम है,बदला कुछ भी नहीं है..

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  9. जी हाँ कुछ है जो आज भी नहीं बदला... शायद बदल जाये...गहन सोच

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  10. हमारे समाज का कड़वा सच....चंद शब्दों में ही बयाँ कर दिया आपने।

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  11. बिल्कुल सही कहा है..धीरे धीरे बदल रहा है यह नजरिया भी!

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  12. सादे शब्दों में बड़ी बात कह दी है आपने !

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  13. इस पूरनी बात को जो सभी जानते हैं एक कटु सत्य है उस बात को कहने का एक बहुत ही अलग अदाज़ दिखाया है आपने!!! .... बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति... आभार समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://mhare-anubhav.blogspot.com/

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  14. भैया का तो नया है नेकर
    बहन की फ्राक पुरानी हैं|

    vah .... bahut hi km shabdon me sundar prastuti abhaar .

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  15. dil ka dard kah gaye bitiya ka ....wo to bechari hamesa har reste me parai hoti hai ..

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  16. क्या बात है । आपेक पोस्ट ने बहुत ही भाव विभोर कर दिया । मेरे नए पोस्ट "साहिर लुधियानवी" पर आपका आमंत्रण है ।

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  17. बिलकुल भेदभाव नहीं
    दोनों असाधारण है सोच बदलनी होगी !

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  18. sundar kavita, सुनील जी कारण बस 'वर्ड वेरिफिकेसन' लगाया था, हटा दिया है कृपया पधारें.

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  19. आप की पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (२१)में शामिल की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /आपका मंच पर स्वागत है /जरुर पधारें /लिंक है / http://hbfint.blogspot.com/2011/12/21-save-girl-child.html

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  20. जिनके लिए समय बदला है,उनके यहां यह सब नहीं चलता। जिनके लिए नहीं बदला,वे करूणा के पात्र हैं।

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  21. बहुत सटीक और सुंदर प्रस्तुति...

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  22. बहुत सही कहा ..अब ही ये होता है

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