अब मेरा दिल तो कुछ पल का मेहमान है ।
आ रहें हैं वह मिलने,आज चाँदनी रात में ।
अब अंधेरों की किससे मैं शिकायत करूँ ,
लुट रहें हैं यहाँ अब तो चाँदनी रात में ।
रूबरू उनसे मिलना तो मुमकिन नहीं
अब मिलेंगे मुझे वह ख्वाब ही खवाब में ।
अब तो नींदों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो दिखाए वह हँसी खवाब चाँदनी रात में ।
दो कदम साथ चल कर वह रूठे हैं क्यों
क्या हुई भूल हमसे बात ही बात में ।
उनकी यादों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो ना अब सतायें मुझे चाँदनी रात में ।
आ रहें हैं वह मिलने,आज चाँदनी रात में ।
अब अंधेरों की किससे मैं शिकायत करूँ ,
लुट रहें हैं यहाँ अब तो चाँदनी रात में ।
रूबरू उनसे मिलना तो मुमकिन नहीं
अब मिलेंगे मुझे वह ख्वाब ही खवाब में ।
अब तो नींदों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो दिखाए वह हँसी खवाब चाँदनी रात में ।
दो कदम साथ चल कर वह रूठे हैं क्यों
क्या हुई भूल हमसे बात ही बात में ।
उनकी यादों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो ना अब सतायें मुझे चाँदनी रात में ।
चांदनी रात में जब कोई सताए तो चांदनी रात बहुत सताती है
जवाब देंहटाएंअब मेरा दिल तो कुछ पल का मेहमान है ।
जवाब देंहटाएंआ रहें हैं वह मिलने,आज चाँदनी रात में ।
अब अंधेरों की किससे मैं शिकायत करूँ ,
लुट रहें हैं यहाँ अब तो चाँदनी रात में ।
Wah!
कल रात चाँदनी से मुलाकात हो गई,
जवाब देंहटाएंकुछ उसने कहा कुछ मैंने कहा ढेरों बात हो गई|
कुछ उसने सुना कुछ मैंने सुना बातें साफ़ हो गईं|
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति,सुंदर रचना के लिए बधाई.....
काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
kya achandni raat hai bhai jaan .akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंsunder bhawon se sazi hui......
जवाब देंहटाएंbahut khoob
जवाब देंहटाएंshaandar rachana likhi aapane
ek saath mein
बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंउनकी यादों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो ना अब सतायें मुझे चाँदनी रात में ।....
वाह!!
बिन चाहे भी आ जाती हैं,
जवाब देंहटाएंयादों का है कौन भरोसा.
सुंदर अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएंये चाँदनी रातें सोने नहीं देतीं ...........अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव.
जवाब देंहटाएंसादर.
ऐसी ही होती हैं कुछ यादें ...बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंkya kahne...bahut sundar..
जवाब देंहटाएंरूबरू उनसे मिलना तो मुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंअब मिलेंगे मुझे वह ख्वाब ही खवाब में ।
अब तो नींदों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो दिखाए वह हँसी खवाब चाँदनी रात में ...
बहुत खूब ... ख्वाबो में ही बातें हो जाएँ तो क्या बात है ... लाजवाब ...
खुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात....शानदार |
जवाब देंहटाएंरूबरू उनसे मिलना तो मुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंअब मिलेंगे मुझे वह ख्वाब ही खवाब में ।
bahut khoob
यादें चाँदनी रात में उन्मत्त हो जाती हैं..
जवाब देंहटाएंमन की अवस्था है चांदनी रात .चांदनी रात का मानवीकरण बाखूबी किया है आपने .खवाब ग्रेट इक्वेलैज़र हैं जो ज़िन्दगी में नसीब नहीं होता खाब मुहैया करवा दतें हैं .बढ़िया पोस्ट .
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंक्या बात है
ajkal khwab meri chaat par aa kar thehar jate hei.....aur mei puri raat cigratte ke kasho aur teri yaad mei gujar deta hun....bahut khub
जवाब देंहटाएंदो कदम साथ चल कर वह रूठे हैं क्यों
जवाब देंहटाएंक्या हुई भूल हमसे बात ही बात में ।
उनकी यादों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो ना अब सतायें मुझे चाँदनी रात में ।
vaah kya najakat bhari hai gujarish
sundar bhav,
बहुत खूब..शानदार ..
जवाब देंहटाएंPahli baar mauka mila hai aapke blog darshan... saral aur seedhee parantu khubsurat rachna... baal katha bhi pasand aayi... aur sabse achhi lagi aapki "Papa mujhe kya banana hai"....
जवाब देंहटाएंरूठना और वह भी चांदनी रात में? हद है!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति,इस सुंदर रचना के लिए बधाई,...
जवाब देंहटाएंNEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
NEW POST ...फुहार....: फागुन लहराया...
sundar rachna
जवाब देंहटाएंरूबरू उनसे मिलना तो मुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंअब मिलेंगे मुझे वह ख्वाब ही खवाब में ।.....
स:परिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं ................
काबिले-तारीफ शायरी।
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं।
bahut romantic panktiyan
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता..
जवाब देंहटाएंबड़ी प्यारी अभिव्यक्ति रही यह ..बधाई सुनील भाई !
जवाब देंहटाएंहोली की स्नेहिल शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...होली की शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंHappy holi and Mahila divas both.
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंदिनांक 13/01/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
ऎसा क्यूँ हो जाता है......हलचल का रविवारीय विशेषांक.....रचनाकर...समीर लाल 'समीर' जी
रूबरू उनसे मिलना तो मुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंअब मिलेंगे मुझे वह ख्वाब ही खवाब में ।
अब तो नींदों से मैं यह गुज़ारिश करूँ ,
जो दिखाए वह हँसी खवाब चाँदनी रात में ।
New post : दो शहीद
New post: कुछ पता नहीं !!!
बहुत ही सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
सुन्दर रचना. कई बार चांदनी रातें डराती भी. पंजाबी के सुप्रसिद्ध लेखक शिव कुमार बटालवी की पंक्तियाँ याद आ गयी-
जवाब देंहटाएंचाँद चांदनी मैं तुरां
मेरे नाल तुरां परछांवा नी जिंद मेरिये
कभी इस गीत को सुनिए ..दीदार सिंह परदेसी ने गाया है.