bahut hi sunder bhav liye saarthak aur khoobsurat rachanss.badhaai sweekaren.
"ब्लोगर्स मीट वीकली {३}" के मंच पर सभी ब्लोगर्स को जोड़ने के लिए एक प्रयास किया गया है /आप वहां आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार ०८/०८/११ को ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
उर्दू अदबियात की जड़ में प्रवेश कर रहे हो सुनील भाई .बहुत सुन्दर अलफ़ाज़ और भाव सौन्दर्य की ग़ज़ल बधाई -
...क्या भारतीयों तक पहुंच सकेगी जैव शव-दाह की यह नवीन चेतना ? Posted by veerubhai on Monday, August 8 Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन ttp://sb.samwaad.com/ .शुक्रिया डॉ श्याम गुप्त जी .कृपया यहाँ भी बिराजें - http://veerubhai1947.blogspot.com/ सोमवार, ८ अगस्त २०११ What the Yuck: Can PMS change your boob size?
सुनील जी बहुत ही खूबसूरत अल्फाजों में रचना लिख डाली आपने बधाई स्वीकारें...
जवाब देंहटाएंzabardast......... kya khayalat hain.... bahaut khubb
जवाब देंहटाएंnishabd kr diya sr aapne.bahut khub..........
जवाब देंहटाएंabhaar
P.S.Bhakuni
बहुत ही खूबसूरत भाव ......
जवाब देंहटाएंsunil ji, kya pate ki bat kahi. Kash sabki sonch aisi ho...h aisi ho...
जवाब देंहटाएंbhaut hi sundar...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर! दिल रोशन रहे इतना ही काफी है और तभी होता है जब हम चिराग जलाया करते हैं औरों के लिए....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सुनील भाई।
जवाब देंहटाएं.......
ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!
सुन्दर सोच के साथ लिखी गई रचना .......आभार
जवाब देंहटाएंबढिया ..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत खयाल....
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब लिखा है आपने! शानदार और ज़बरदस्त प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com
बहुत सुन्दर भाव ... कश लोंग दूसरों की खुशहाली पर यूँ ही खुश हो सकें
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी सोच... अपने लिए जिए तो क्या जिए....
जवाब देंहटाएंशब्द और सोच दोनों ही अच्छे लगे |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे विचार हैं आप के
जवाब देंहटाएंआमीन
bahut hi sunder bhav liye saarthak aur khoobsurat
जवाब देंहटाएंrachanss.badhaai sweekaren.
"ब्लोगर्स मीट वीकली {३}" के मंच पर सभी ब्लोगर्स को जोड़ने के लिए एक प्रयास किया गया है /आप वहां आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार ०८/०८/११ को
ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो
चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
सह अस्तित्व का आधार यही हो।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंअद्भुत प्रतिवेसी धर्म का परिचय दिया है!!
जवाब देंहटाएंBehtreen laajwaaaaab......
जवाब देंहटाएंJai hind jai bharat
Bahut sundar...Undying love for someone...:)
जवाब देंहटाएंहमारे जीवन की सार्थकता इसी भाव में है।
जवाब देंहटाएंबड़ी खूबसूरत बात कह दी...
जवाब देंहटाएंजीवन की अस्तिव को बत्लालती रचना...
जवाब देंहटाएंKmaal ki Panktiyan....Behtreen Soch liye...
जवाब देंहटाएंBhavmayi sunder rachnake liye aapko badhai
जवाब देंहटाएंउर्दू अदबियात की जड़ में प्रवेश कर रहे हो सुनील भाई .बहुत सुन्दर अलफ़ाज़ और भाव सौन्दर्य की ग़ज़ल बधाई -
जवाब देंहटाएं...क्या भारतीयों तक पहुंच सकेगी जैव शव-दाह की यह नवीन चेतना ?
Posted by veerubhai on Monday, August 8
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन ttp://sb.samwaad.com/ .शुक्रिया डॉ श्याम गुप्त जी .कृपया यहाँ भी बिराजें -
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सोमवार, ८ अगस्त २०११
What the Yuck: Can PMS change your boob size?
इस रचना को पढ़ कर पिछली लघु कथा याद आ गई...काश इसी भावना से भर कर हम कुछ भला कर जाएँ तो कितना अच्छा हो ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी सोंच के साथ लिखी रचना.
जवाब देंहटाएंदीपक से दीपक यूं ही जलता रहे॥
जवाब देंहटाएंदुआ है यह सून्दर विचार क़ायम रहे
जवाब देंहटाएंisme samrpan ka bhav bhi hai ,bahut badhiya rachna hai .
जवाब देंहटाएंक्या बात है, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआसान शब्दों में गहरी बात
'अहा वही उदार है........ परोपकार जो करे
जवाब देंहटाएंवही मनुष्य है की जो मनुष्य के लिए मरे '
.........................बहुत ही पवित्र मनोभावों की प्रस्तुति
Nice post and thanks to follow my blog.
जवाब देंहटाएंक्या बात है .....
जवाब देंहटाएंmohabbat ho to aisi .....
है कौन .....?
सर्वे भवन्तु सुखिनः ....भारतीय दर्शन को समर्पित आपकी रचना के लिए बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंawesome...
जवाब देंहटाएंखूब! क्या योजना है!
जवाब देंहटाएंवाह ... क्या खूबसूरत ख्याल है ... बहुत खूब सुनील जी ...
जवाब देंहटाएं