जब मै जीवन के
जोड़, घटाने
और गुणा, भाग के
प्रश्नों को ,
हल नहीं कर पाता हूँ |
तब मै ,
मृत्यु के प्रश्न ,
पर आता हूँ |
तो जीवन के दर्द को
हासिल की तरह
पहले से ही वहाँ पाता हूँ |
जीवन के इस गणित में
जीवन और मृत्यु में
दर्द का अनुपात
मै समान ही पाता हूँ |
जोड़, घटाने
और गुणा, भाग के
प्रश्नों को ,
हल नहीं कर पाता हूँ |
तब मै ,
मृत्यु के प्रश्न ,
पर आता हूँ |
तो जीवन के दर्द को
हासिल की तरह
पहले से ही वहाँ पाता हूँ |
जीवन के इस गणित में
जीवन और मृत्यु में
दर्द का अनुपात
मै समान ही पाता हूँ |
भावपूर्ण रचना के लिये बधाई !
जवाब देंहटाएंआपका लेख चोरी हो गया है ....
जवाब देंहटाएंयहाँ देखे ...
http://chorikablog.blogspot.com/2010/09/blog-post_4132.html
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंजीवन के गणित मे नम्बर भी पूरे मिलते है
जवाब देंहटाएंजीवन के इस गणित में
जवाब देंहटाएंजीवन और मृत्यु में
दर्द का अनुपात
मै समान ही पाता हूँ |
Bahut,bahut sundar!
बहुत सुन्दर, भावपूर्ण और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो सराहनीय है! बधाई!
जवाब देंहटाएंगणितीय भाषा में दर्शन के गूढ़ प्रश्न सुलझा गये।
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण रचना !
जवाब देंहटाएंregards,
तब मै ,
जवाब देंहटाएंमृत्यु के प्रश्न ,
पर आता हूँ |
तो जीवन के दर्द को
हासिल की तरह
पहले से ही वहाँ पाता हूँ |
जीवन की सच्चाइयों का गणित, बहुत खूब !
ek satyata liye hue yatharth-parak avam bahut hi bhavpurn rachna. sach much ye jidgi ki ganit bhi badi ajeeb hai kabhi to yun chutkiyon me hai ho jaati hai aur kabhi kabhi aisa fansa deti hai ki aadmi jivan bhar use suljhane me hi laga rah jaata hai.bahut hi badhiya prastuti.
जवाब देंहटाएंpoonam
जीवन और मृत्यु में
जवाब देंहटाएंदर्द का अनुपात
मैं समान ही पाता हूं
जीवन के गणित का अच्छा उदाहरण।
जीवन के अनसुलझे गणित को आपने बहुत ही संजीदगी से प्रस्तुत किया है. बहुत सुन्दर रचना..... मन के गहन भाव को दर्शाती है ये रचना....
जवाब देंहटाएंsarahneey prastuti............dard ka hisil ....wah kya baat hai.......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कलात्मक अभिव्यक्ति .. कविता में सादगी का विलक्षण सौंदर्य खिला है
जवाब देंहटाएंwah .bahut sunder kavita hai.
जवाब देंहटाएंगणित में तो हम भी कमजोर थे सुनील जी .....
जवाब देंहटाएंशायद दर्द इधर भी पैर जमा गया .....
सुंदर भावों को पिरोया है आपने ....!!
जीवन के इस गणित में
जवाब देंहटाएंजीवन और मृत्यु में
दर्द का अनुपात
मै समान ही पाता हूँ |
bahut sundar bhav lage .man ko bha gayi kavita .
मृत्यु सत्य, जीवन मिथ्या!
जवाब देंहटाएंविलक्षण रचना!
आशीष
bahut sundar rachana hai
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव ...मृत्यु ही सत्य है ..
जवाब देंहटाएंjeevan ke marm ko darshatee bahut hee sunadar rachna
जवाब देंहटाएंआपने बहुत गहरी बात अपनी
जवाब देंहटाएंछोटी सी रचना के माध्यम से कह दी .
आभार .....
बहुत शानदार.
जवाब देंहटाएंye jeevan ka sach hai ham sab jitni jldi seekh our smjh le utna hi ham sbke liye achchha hai .bhut umda post .
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं6.5/10
जवाब देंहटाएंएक उत्कृष्ट और मौलिक कविता
जीवन की विडम्बना और वेदना की विलक्षण अभिव्यक्ति
कविता समाप्त होते ही पाठक के मन में अकथनीय अनुभूति होती है.
der se ane ki maphi chahti hun sunder rachana hai.........
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