(हिंदी कविताओं ,कथाओं और लेखों का एक कोना)
सुनील जी .... बहुत ही उम्दा ,.......बहुत ही शानदार ...आभार .
बहुत बढ़िया!
बहुत स्पष्ट भाव हैं।
वाह क्या बात है....http://veenakesur.blogspot.com/
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
bahut khoob....
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है। मराठी कविता के सशक्त हस्ताक्षर कुसुमाग्रज से एक परिचय, राजभाषा हिन्दी पर अरुण राय की प्रस्तुति, पधारें
सुनिल जीसुंदर काव्य!पर एक ग़लतफ़हमी सी है"मेरी कमर हमेशा में तलवार रहती है" मतलब मेरी कमर में हमेशा तलवार रहती है?
भाई हंस राज जी आप अपनी जगह बिलकुल सही है यह मेरी टाइपिंग कि गलती थी जिसे मैंने अब सही कर लिया है आपको धन्यवाद
mera blog padne ke liye thanks... apne b bhut acha likha h
sahi kaha rehe hai aap log hamesha khamoshi ko kamjori samajhate hai. bahut sunder................
दोस्तों के लिएप्यार भरा धड़कता है मेरे सीने में और दुश्मनों के लिए , मेरी कमर में हमेशा तलवार रहती है .. वाह! वाह! क्या खूब कहा है आपने ! बहुत सुन्दर भाव!
बहुत सुन्दर.
.अक्सर खामोश रहकर , लोगों की नादानियों पे मुस्कुराया जाता है । .
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .आभार
कई रंगों को समेटे एक खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई
बहुत खुबसूरत पंक्तिया है ........पढ़िए और मुस्कुराइए :-क्या आप भी थर्मस इस्तेमाल करते है ?
सुन्दर रचना ..ब्लॉग जगत पर लाने के लिए धन्यवाद
सुनील जी .... बहुत ही उम्दा ,.......बहुत ही शानदार ...
जवाब देंहटाएंआभार .
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंबहुत स्पष्ट भाव हैं।
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है....
जवाब देंहटाएंhttp://veenakesur.blogspot.com/
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंbahut khoob....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंमराठी कविता के सशक्त हस्ताक्षर कुसुमाग्रज से एक परिचय, राजभाषा हिन्दी पर अरुण राय की प्रस्तुति, पधारें
सुनिल जी
जवाब देंहटाएंसुंदर काव्य!
पर एक ग़लतफ़हमी सी है
"मेरी कमर हमेशा में तलवार रहती है"
मतलब मेरी कमर में हमेशा तलवार रहती है?
भाई हंस राज जी आप अपनी जगह बिलकुल सही है यह मेरी टाइपिंग कि गलती थी जिसे मैंने अब सही कर लिया है आपको धन्यवाद
जवाब देंहटाएंmera blog padne ke liye thanks... apne b bhut acha likha h
जवाब देंहटाएंsahi kaha rehe hai aap log hamesha khamoshi ko kamjori samajhate hai. bahut sunder................
जवाब देंहटाएंदोस्तों के लिए
जवाब देंहटाएंप्यार भरा धड़कता है मेरे सीने में
और दुश्मनों के लिए ,
मेरी कमर में हमेशा तलवार रहती है ..
वाह! वाह! क्या खूब कहा है आपने ! बहुत सुन्दर भाव!
बहुत सुन्दर.
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जवाब देंहटाएंअक्सर खामोश रहकर , लोगों की नादानियों पे मुस्कुराया जाता है ।
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बहुत बढ़िया प्रस्तुति .आभार
जवाब देंहटाएंकई रंगों को समेटे एक खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत पंक्तिया है ........
जवाब देंहटाएंपढ़िए और मुस्कुराइए :-
क्या आप भी थर्मस इस्तेमाल करते है ?
सुन्दर रचना ..
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत पर लाने के लिए धन्यवाद