aadarniy sunil ji kya baat hai ! bahut bahut hi achhi lagi aapki ye anokhi prastuti.bahut hi kam shabdo me puri baat kahna har kisi ke vash ka nahi hai. bahut bahut hi badhai poonam
ज़मीं पर जब जुगनुओं की एक महफ़िल सजी , आसमां पर सितारों के , ना जाने क्यूँ, दिल जल गए lajabab..behtarin prastuti... sadar badhayee aaur amantran ke sath
वाह! क्या बात है! बहुत खूब! शानदार प्रस्तुती! मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है- http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/ http://seawave-babli.blogspot.com
बहुत गहरे भावों को अभिव्यक्त किया है आपने इन पंक्तियों में .....!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सुनील जी क्या बात है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई ||
http://dcgpthravikar.blogspot.com/2011/10/blog-post_10.html
are waah ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी.....
जवाब देंहटाएंकल 12/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
वाह …………क्या खूब कहा है……………बहुत सुन्दर्।
जवाब देंहटाएंऔर महबूब चाँद से भी ज्यादा हसीं हो गए..
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है...
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में गहरी बात.....
aadarniy sunil ji
जवाब देंहटाएंkya baat hai ! bahut bahut hi achhi lagi aapki ye anokhi prastuti.bahut hi kam shabdo me puri baat kahna har kisi ke vash ka nahi hai.
bahut bahut hi badhai
poonam
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई स्वीकारें /
जवाब देंहटाएंwah....kya baat hai.
जवाब देंहटाएंजुगनुओं की महफिल में तेरा आना, चाँद सितारों की दुनिया में हलचल मचा जाना... कितनी सुंदर कल्पना है..
जवाब देंहटाएंवाह ....बहुत ही सुन्दर और लाजबाब
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति, बधाई
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंइन लफ़्ज़ों की तारीफ में लफ्ज़ कम पड़ गए...
Bahoot khoob....
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया सुनिल कुमार जी। एक छोटा संशोधन- चांद की पेशानी..
जवाब देंहटाएंअगर कल्पनाएँ सच प्रतीत होने लगे तो समझो कविता सम्पूर्ण हों गयी ......और ऐसी ही सम्पूर्ण पंक्तियों के लिए शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब भाई सुनील जी |
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अशआर !अभिनव प्रयोग .बधाई .
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
बहुत अच्छी लगी |
जवाब देंहटाएंबधाई |
आशा
क्या बात है! वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुति बधाई
जवाब देंहटाएंज़मीं पर जब जुगनुओं की
जवाब देंहटाएंएक महफ़िल सजी ,
आसमां पर सितारों के ,
ना जाने क्यूँ, दिल जल गए
lajabab..behtarin prastuti... sadar badhayee aaur amantran ke sath
sundar prastuti, shubhkaamnaayen.
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव,
जवाब देंहटाएंना जाने क्यूँ, दिल जल गए |
जवाब देंहटाएंdil bechara bna hi jlne ke liye h.
वाह! क्या बात है! बहुत खूब! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com
wah kya khoob likha ........ khubsurat bhav
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में बहुत अच्छे भाव,बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई ...
जवाब देंहटाएंvery nice.. kinda a romantic :)
जवाब देंहटाएंexpresses very well!
बहुत खूब.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर कल्पना!
जवाब देंहटाएंचाँद को तो जलन होनी ही है आपके महबूब से ... लमाल की उड़ान है कल्पना की ...
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