मंगलवार, अक्तूबर 11, 2011

ऐसा भी होता है ............




ज़मीं पर जब जुगनुओं की
एक  महफ़िल सजी , 
आसमां पर सितारों के   , 
 ना जाने क्यूँ, दिल जल गए |

 और मेरा महबूब जब    
उस बज़्म में शामिल हुआ  ,
तब चाँद की पेशानी पे, 
ना जाने क्यूँ,सैकड़ों बल पड़ गए |


(चित्र गूगल के सौंजन्य से)

37 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत गहरे भावों को अभिव्यक्त किया है आपने इन पंक्तियों में .....!

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर प्रस्तुति ||
    बहुत-बहुत बधाई ||

    http://dcgpthravikar.blogspot.com/2011/10/blog-post_10.html

    जवाब देंहटाएं
  3. कल 12/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह …………क्या खूब कहा है……………बहुत सुन्दर्।

    जवाब देंहटाएं
  5. और महबूब चाँद से भी ज्यादा हसीं हो गए..

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह क्‍या बात है...
    कम शब्‍दों में गहरी बात.....

    जवाब देंहटाएं
  7. aadarniy sunil ji
    kya baat hai ! bahut bahut hi achhi lagi aapki ye anokhi prastuti.bahut hi kam shabdo me puri baat kahna har kisi ke vash ka nahi hai.
    bahut bahut hi badhai
    poonam

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई स्वीकारें /

    जवाब देंहटाएं
  9. जुगनुओं की महफिल में तेरा आना, चाँद सितारों की दुनिया में हलचल मचा जाना... कितनी सुंदर कल्पना है..

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह ....बहुत ही सुन्दर और लाजबाब

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह...
    इन लफ़्ज़ों की तारीफ में लफ्ज़ कम पड़ गए...

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत बढिया सुनिल कुमार जी। एक छोटा संशोधन- चांद की पेशानी..

    जवाब देंहटाएं
  13. अगर कल्पनाएँ सच प्रतीत होने लगे तो समझो कविता सम्पूर्ण हों गयी ......और ऐसी ही सम्पूर्ण पंक्तियों के लिए शुभकामनायें ...

    जवाब देंहटाएं
  14. खूबसूरत अशआर !अभिनव प्रयोग .बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  15. क्या बात है! वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुति बधाई

    जवाब देंहटाएं
  16. ज़मीं पर जब जुगनुओं की
    एक महफ़िल सजी ,
    आसमां पर सितारों के ,
    ना जाने क्यूँ, दिल जल गए
    lajabab..behtarin prastuti... sadar badhayee aaur amantran ke sath

    जवाब देंहटाएं
  17. ना जाने क्यूँ, दिल जल गए |
    dil bechara bna hi jlne ke liye h.

    जवाब देंहटाएं
  18. वाह! क्या बात है! बहुत खूब! शानदार प्रस्तुती!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  19. कम शब्दों में बहुत अच्छे भाव,बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई ...

    जवाब देंहटाएं
  21. चाँद को तो जलन होनी ही है आपके महबूब से ... लमाल की उड़ान है कल्पना की ...

    जवाब देंहटाएं