मैंने आज तक उसको, कभी बेवफा कहा ही नहीं | मगर वफ़ा की बात हो तो , उसका ज़िक्र भी अच्छा नहीं लगता |
सुनील कुमार जी, जीवन में भ्रम टूट जाए तो बहुत ही अच्छा होता है। हम उधार की जिंदगी जीने से तो बच जाते हैं । सार्थक पोस्ट । मेरे पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।
भ्रम बना रहे तभी तक अच्छा है, भ्रम में ही किसी को वफ़ा का अनुभव हो सकता है... वरना इस जहाँ में तो खुद का मन ही बेवफा होने में देर नहीं लगाता औरों का तो कहना ही क्या...
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ||
मेरे इस भरम का टूटना भी ,
जवाब देंहटाएंमुझे कभी अच्छा नहीं लगता |
सही कहा कभी कभी झूठा भ्रम भी बना रहे तो अच्छा लगता है |
बढिया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंगजब के भाव।
मैंने आज तक उसको,
जवाब देंहटाएंकभी बेवफा कहा ही नहीं |
मगर वफ़ा की बात हो तो ,
उसका ज़िक्र भी अच्छा नहीं लगता |
सुनील कुमार जी,
जीवन में भ्रम टूट जाए तो बहुत ही अच्छा होता है। हम उधार की जिंदगी जीने से तो बच जाते हैं । सार्थक पोस्ट । मेरे पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।
शानदार प्रस्तुति मुझे ऐसा लगता है कि कुछ भ्रम बने रहें तो भी कोई बुराई नहीं है .... आभार
जवाब देंहटाएंbahut khub likha hai aapne...
जवाब देंहटाएंjai hind jai bharat
कुछ तो मजबूरियाँ रहीं होंगी, यूँ ही कोई वेवफा नहीं होता।
जवाब देंहटाएंबस अच्छा ही अच्छा सोचना --इसी का नाम प्यार है ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ।
उफ़्फ़ ये तो मोहब्बत की बातें हैं ,कुछ कहा भी न जाए और कहे बिन रहा भी न जाए
जवाब देंहटाएंचार-चार पंक्तियों में सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंARE BHAIYAA JO TOOT JAAYE VO BHARAM KAISAA UTTAM ABHIVYKTI
जवाब देंहटाएंNever read something as beautiful as this post on cheating...Beautiful beyond words!
जवाब देंहटाएंSaru
एक गाना के दो लाईन हैं -
जवाब देंहटाएंतुम किसी को ऐसे बेवफा न समझो
आशिकी में बेबसी को तुम दगा न समझो..
khoobsurat.......bhawpoorn.......
जवाब देंहटाएंमुझे तेरी वफ़ाओं का भरम होता तो अच्छा था:)
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंअधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
भ्रम बना रहे तभी तक अच्छा है, भ्रम में ही किसी को वफ़ा का अनुभव हो सकता है... वरना इस जहाँ में तो खुद का मन ही बेवफा होने में देर नहीं लगाता औरों का तो कहना ही क्या...
जवाब देंहटाएंsahi kahaa bhram banaa rahe to hi achchha hai par is bhram ko toadane ki koshish me yahi bhram rahtaa hai ki mera bhram hoga..
जवाब देंहटाएंज़रूर उसकी बेवफायी भी
जवाब देंहटाएंएक मज़बूरी रही होगी |
मेरे इस भरम का टूटना भी ,
मुझे कभी अच्छा नहीं लगता |
बहुत खूब ! बहुत सच कहा है, कई बार भ्रम बना रहे यही जीवन के लिये काफी होता है..बहुत सुन्दर
वाह, बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमैंने आज तक उसको,
कभी बेवफा कहा ही नहीं |
मगर वफ़ा की बात हो तो ,
उसका ज़िक्र भी अच्छा नहीं लगता |
waha bahut khub........ye bhi pyar-e-wafa hai
जवाब देंहटाएंbahoot khoob
जवाब देंहटाएंकोई मजबूरी ही रही होगी नहीं तो कोई यूं ही कोई बेवफा नहीं होता:)
जवाब देंहटाएंज़रूर उसकी बेवफायी भी
जवाब देंहटाएंएक मज़बूरी रही होगी......
Dil ka tutna to kise bhi accha ni lagta...
-- Mere Shabd
बफा के बाद ही बेवफाई हो सकती है
जवाब देंहटाएंमेरे इस भरम का टूटना भी ,
जवाब देंहटाएंमुझे कभी अच्छा नहीं लगता ।
हां, कुछ भरम जीवन को खुशनुमा बनाए रखते हैं।
बढि़या कविता।
ज़रूर उसकी बेवफायी भी
जवाब देंहटाएंएक मज़बूरी रही होगी
शानदार प्रस्तुती।
जब ज़िंदगी खुद ही एक भरम है तो इसमें कुछ भरम बने रहें वही अच्छा है!!
जवाब देंहटाएंKuchh to majburiyan rahi hogi varna koi yun bewpha nahin hota
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंजरुर उसकी बेवफायी
एक मज़बूरी रही होंगी :)
bhaut hi khubsurat....
जवाब देंहटाएंज़रूर उसकी बेवफायी भी
जवाब देंहटाएंएक मज़बूरी रही होगी |
मेरे इस भरम का टूटना भी ,
मुझे कभी अच्छा नहीं लगता .very nice...
बहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंयह तो कई रिश्तों की सच्चाई कह दी आपने.. सुन्दर!
जवाब देंहटाएंभ्रम का बना रहना कभी कभी नितांत आवश्यक होता है जीने के लिए!
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति!
bahut hi gahrayi se likha hai apne..
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar prastuti hai
nice post
जवाब देंहटाएंमजबूरियाँ ही बेवफा बनाती हैं ...
जवाब देंहटाएंBahut badiya... dil ko choo gayi..
जवाब देंहटाएं