कुछ तो करो तुम जिक्र, मेरे शहर का आज ,
माना कि तुमसे मेरा , अब कोई वास्ता नहीं |
देख कर दीबार तुमने अपना रास्ता बदल लिया |
सोचा कि तुमने आगे, अब कोई रास्ता नहीं |
अचानक मुझको देख कर क्यूँ परेशान हो गए |
दुनिया है कितनी छोटी, शायद तुमको पता नही |
अपने मिलकर विछ्ड़ने का जो यह हादसा हुआ |
ना कसूर था तुम्हारा, और इसमें मेरी भी ख़ता नहीं |
टूटा ज़रूर हूँ मै, मगर बिखरा नहीं अभी तक |
किस चीज से बना हूँ, यह मुझको पता नहीं |
kis chij se bana hun ... dard se bani tadbeeren bikharti nahi
जवाब देंहटाएंन बिखरने वाली चीज़ को ही तो जीवन कहते हैं।
जवाब देंहटाएंअचानक मुझको देख कर कयूं परेशान हो गए
जवाब देंहटाएंदुनिया है कितनी छोटी,शायद तुमको पता नहीं.
बहुत बढ़िया.
सलाम.
wah. bahut achchi lagi.
जवाब देंहटाएं' बढ गई है बात तो अब कैसे किनारा कर लूं,
जवाब देंहटाएंकिस तरह तौहीन इश्क की गवारां कर लूं। '
अच्छी गजल।
बधाई हो आपको।
हर एक पंक्तियाँ लाजवाब लगी
जवाब देंहटाएंक्या सच में तुम हो???---मिथिलेश
यूपी खबर
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अच्छे भाव सहेजे है यह रचना!!
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंटूटने पर भी जो न बिखरे वो सही आदमी है. लेकिन कांच का दिल टूटे और बिखरे नहीं तो समझो किसी 'अपने' ने उसपर अबरख की चादर बिछा राखी है....बढ़िया..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, दिल को छू कर निकल गई, आभार।
जवाब देंहटाएंहर शेर लाजवाब. टूटा जरूर हूँ मैं, बिखरा नहीं अभी तक, क्या बात है, बहुत खूब, सुंदर गज़ल.
जवाब देंहटाएं.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति,
जवाब देंहटाएंखूबसुरत गजलाभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबाऊ जी,
जवाब देंहटाएंनमस्ते!
आनंद!आनंद! आनंद!
और आखिरी पंक्तियों के लिए: खड़े होके सैल्यूट!!!
आशीष
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लम्हा!!!
ओह ! बहुत ही सुन्दर.
जवाब देंहटाएंsunil ji, bahut sunder hai gajal......
जवाब देंहटाएंभावाभिव्यक्ति अच्छी है सुनील जी !
जवाब देंहटाएंटूटा जरूर हूँ मैं, बिखरा नहीं अभी तक....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना...
बहुत गहरे भाव अभिव्यक्त किये हैं आपने .
जवाब देंहटाएंआपकू भी शिवरात्री की मंगल कामनाएं.शहर की यादें अच्छी अभिव्यक्ति हैं.
जवाब देंहटाएंटूटा जरूर हूँ मै लेकिन बिखरा नही----- लाजवाब हौसला। बहुत अच्छी लगी गज़ल। बधाई।
जवाब देंहटाएंगहरे भावों को खूबसूरती से व्यक्त करती एक उम्दा गजल!
जवाब देंहटाएं*कुछ तो करो तुम जिक्र, मेरे शहर का आज ,
जवाब देंहटाएंमाना कि तुमसे मेरा , अब कोई वास्ता नहीं |
सुन्दर अभिव्यक्ति,
अच्छी गजल।
सुन्दर रचना, बहुत गहरे भाव हैं आखिरी दो पंक्तियों में.. टूटा हूँ पर बिखरा नहीं...वाह
जवाब देंहटाएंaaj ke jivan ki sachchai ko aapne bahut aur behatar dhang se bhaut hi khoobsurati ke saath prastut kiya hai.lazwaab gazal.
जवाब देंहटाएंbahut hibehatreen prastuti
poonam
खुबसूरत भावनाओं से सजी खुबसुरत रचना |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।
जवाब देंहटाएंpriya kumar ji ,
जवाब देंहटाएंsadar vandan ,
mafi chahata hun ,der ke liye , aapke shabd chayan
kavya shilp ne man ko chhu liya .sundar abhivyakti
samvedana ke shwar sundar lage .aabhar
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंbahut achchhi line hai ,bhut sundar bhawo hai .
जवाब देंहटाएंgood
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