नये साल का कैलंडर
नये साल पर एक मित्र हमारे घर आये |
दीवार पे टंगे सभी धर्मों के देवी , देवताओं के,
कैलंडर को देख कर मुस्कराए |
समझ नहीं आता कि क्यों कुछ लोग
मंदिर मस्जिद का मुद्दा उठाते है |
एक आप है जो कौमी एकता की
जीती जागती मिसाल नज़र आते है |
हमने कहा , हम नहीं जानते की
यह अपने धर्म में कितनी श्रद्धा से पूजे जाते है |
मग़र यह मेरी दीवार के टूटे प्लास्टर को ,
बहुत अच्छी तरह छिपाते है |
कहाँ की बात कहाँ आ गई.
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...
बहुत अच्छे ! किसे पता पर्दे के पीछे कौन है, क्या है !
जवाब देंहटाएं"जगत तपोवन सो कियो" वाली रचना की सामयिकता सिद्ध कर दी आपने...
जवाब देंहटाएंकिसी की गुर्बत को जो ढ़ाँप सके उससे बेहतर धर्म और ईश्वर क्या होंगे!! एक युनीक़ अभिव्यक्ति!!
मगर ये मेरी दीवाल के टूटे हुए प्लास्टर को
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी तरह छिपाते हैं।
वाह, सुनील जी, वाह...
एकदम नया दृष्टिकोण,
क्या बात कही है आपने,...वाह।
अनूठी अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
kitni saralta se baat kah di hai.bahut sunder.
जवाब देंहटाएंगहरी बात कही है, बड़ी दूर तक जायेगी।
जवाब देंहटाएंnavvarsh ki hardik shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंachchhi kavita badhai
जवाब देंहटाएंwaah, sahajta se satya sweekar kar liya
जवाब देंहटाएंवाह वाह ! आपको नए वर्ष की बधाई !
जवाब देंहटाएंwah kya kahna!
जवाब देंहटाएंsundar rachna.
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
सुनील जी,
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद !नए प्रयोग ने कविता को अति प्रभावपूर्ण बना दिया है !
आपको सपरिवार नव वर्ष की मंगलकामनाएं!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
ati sundar bhav .zindagi me ek chehre ki kai kahani hoti hai .nutan barsh ki dhero badhai ,badhiya likha hai aapne .
जवाब देंहटाएंकमाल है यार ...मान गए !!
जवाब देंहटाएं:-))
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें ...
जवाब देंहटाएंकमाल है...अंतिम वाली लाईन के लिए तो तैयार ही नहीं था मैं,
जवाब देंहटाएंलेकिन बहुत बहुत अच्छी कगी..एकदम यूनिक :)
बहुत सुन्दर अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की ढेर सारी शुभ कामना
बहुत खूब सुनील जी ... अंतिम लाइन सच में लाजवाब है ,,, मैं सोच भी नही सकता था ... आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .. यह भी एक तरीका है तरीके से कुछ करने का.
जवाब देंहटाएंदीवार के उखड़े हुए पलस्तर को धर्म छुपा सके तो बेहतर
good. सोंच अच्छी,कविता का end भी अच्छा.
जवाब देंहटाएंमगर ये मेरी दीवाल के टूटे हुए प्लास्टर को
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी तरह छिपाते हैं।
बहुत खूब .. .
धर्म मे यूँ तो बहुत ताकत है लेकिन इस कविता मे जो व्यंग है उसका जवाब नही। बहुत अच्छी लगी रचना। बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंbahut khub....
जवाब देंहटाएंबहुत अर्थपूर्ण व्यंग है..... शुभकामनायें आपको भी......
जवाब देंहटाएंशब्दों का सार्थक प्रयोग देखने को मिला। बधाई।
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पति को वश में करने का उपाय।
क्या खुब लिखा है वाह।
जवाब देंहटाएंvaah...bahut khoob.....har ek ka apna nazariya hai....ek ko waha kaumi ekta nazar ayi...to doosre ko apne ghar ki badsurati chipane ka ek zariya...
जवाब देंहटाएंbadhiya post...
poonam
kya mudda uthaya hai ..aapne ..laajwaab...
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