(हिंदी कविताओं ,कथाओं और लेखों का एक कोना)
अंतत ,वह गिर गया ।संवेदनहीनता की ,रेतीली ज़मीन पर। .waah sunder shabo ki abhivyakti .....ansoo jab aate hai to chaah kar bhi palko ko daga de jate hai .
आंसू मिलता रेत में, सेत-मेत बेकार ।या फिर कामता दर्द भी, बोलो मेरे यार ।।
आंसू मिलता रेत में, सेत-मेत बेकार ।या फिर कमता दर्द भी, बोलो मेरे यार ।।
सच है जहाँ संवेदनहीनता की रेतीली ज़मीन हो वहां इन आंसुओं का कोई अस्तित्व नहीं होता... गहन भाव
किसी का कांधा मिल जाता उन आँसुओं को, काश।
बह गए...अच्छा हुआ...कुछ मन तो हल्का हुआ....
बहुत ही सुन्दर भाव सजोये छोटी सी रचना !
सुंदर भाव ...
अस्तित्व ऐसे ही खत्म हो जाते हैं ... इसलिए गिरने नहीं देना चाहिए ... गहरी बात ...
bahut bhawpoorn.....
बहा है नयनों से नीर कुछ तो कम हुई है पीर ........भावपूर्ण और सुन्दर !
बहुत सुन्दर भाव संयोजन
adhbhut bhavabhyakti
आंसू मन का बोझ हलका करते हैं .लेकिन अक्सर व्यर्थ भी जाते हैं .
अंतत ,वह गिर गया ।संवेदनहीनता की ,रेतीली ज़मीन पर। और बन गया भाप .आंसू सूखा ,कहकहा हुआ पानी सूखा ,तो हवा हुआ ...
अगर आसूं व्यर्थ होने का खतरा हो तो बहता है की पी लो या बेहतर है की वहां बहायें जाना कोई न हो..सिर्फ आसमा और जमीं ... पद कर यही सोच रहा हूँ
कोई शब् बचा नहीं है कहने के लिए ..सिर्फ अहसाश ही है...शब्द मौन है..बेहतरीन
bahut sundar bhavabhivyakti.हिन्दू नव वर्ष की शुभकामनायें .
चारो तरफ यही सम्वेदनहीनता व्याप्त है.
यही संवेदनहीनता चारों तरफ व्याप्त है.
चित्र के आंसू .. ऐसा लगता है कि अब लुढ़का, तब लुढ़का .. पर हम संवेदनहीन नहीं हैं।
कम शब्दों में भावपूर्ण अभिव्यक्ति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/
आँसुओं का अस्तित्व होता है...यूँही संवेदनहीन रेत पर गिर जाए तो...गहन अभिव्यक्ति!
सार्थक पोस्ट ..!नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ|
अंतत ,वह गिर गया ।संवेदनहीनता की ,रेतीली ज़मीन पर।...सार्थक पोस्ट...
गहन अभिव्यक्ति...
chhoti si par sundar si kavita
सुंदर अभिव्यक्ति.....
आंसुओं की नियति को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है आपने।
PRABHAVIT KARTI RACHNA
बहुत सुन्दर
आसुओं का हश्र यही होता है ...
अंतत ,
जवाब देंहटाएंवह गिर गया ।
संवेदनहीनता की ,
रेतीली ज़मीन पर।
.waah sunder shabo ki abhivyakti .....ansoo jab aate hai to chaah kar bhi palko ko daga de jate hai .
आंसू मिलता रेत में, सेत-मेत बेकार ।
जवाब देंहटाएंया फिर कामता दर्द भी, बोलो मेरे यार ।।
आंसू मिलता रेत में, सेत-मेत बेकार ।
हटाएंया फिर कमता दर्द भी, बोलो मेरे यार ।।
सच है जहाँ संवेदनहीनता की रेतीली ज़मीन हो वहां इन आंसुओं का कोई अस्तित्व नहीं होता... गहन भाव
जवाब देंहटाएंकिसी का कांधा मिल जाता उन आँसुओं को, काश।
जवाब देंहटाएंबह गए...अच्छा हुआ...कुछ मन तो हल्का हुआ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भाव सजोये छोटी सी रचना !
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव ...
जवाब देंहटाएंअस्तित्व ऐसे ही खत्म हो जाते हैं ... इसलिए गिरने नहीं देना चाहिए ... गहरी बात ...
जवाब देंहटाएंbahut bhawpoorn.....
जवाब देंहटाएंबहा है नयनों से नीर कुछ तो कम हुई है पीर ........
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण और सुन्दर !
बहुत सुन्दर भाव संयोजन
जवाब देंहटाएंadhbhut bhavabhyakti
जवाब देंहटाएंआंसू मन का बोझ हलका करते हैं .
जवाब देंहटाएंलेकिन अक्सर व्यर्थ भी जाते हैं .
अंतत ,
जवाब देंहटाएंवह गिर गया ।
संवेदनहीनता की ,
रेतीली ज़मीन पर।
और बन गया भाप .
आंसू सूखा ,कहकहा हुआ
पानी सूखा ,तो हवा हुआ ...
अगर आसूं व्यर्थ होने का खतरा हो तो बहता है की पी लो या बेहतर है की वहां बहायें जाना कोई न हो..सिर्फ आसमा और जमीं ... पद कर यही सोच रहा हूँ
जवाब देंहटाएंकोई शब् बचा नहीं है कहने के लिए ..सिर्फ अहसाश ही है...शब्द मौन है..बेहतरीन
जवाब देंहटाएंbahut sundar bhavabhivyakti.हिन्दू नव वर्ष की शुभकामनायें .
जवाब देंहटाएंचारो तरफ यही सम्वेदनहीनता व्याप्त है.
जवाब देंहटाएंयही संवेदनहीनता चारों तरफ व्याप्त है.
जवाब देंहटाएंचित्र के आंसू .. ऐसा लगता है कि अब लुढ़का, तब लुढ़का .. पर हम संवेदनहीन नहीं हैं।
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में भावपूर्ण अभिव्यक्ति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंhttp://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/
आँसुओं का अस्तित्व होता है...यूँही संवेदनहीन रेत पर गिर जाए तो...गहन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंसार्थक पोस्ट ..!
जवाब देंहटाएंनवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ|
अंतत ,
जवाब देंहटाएंवह गिर गया ।
संवेदनहीनता की ,
रेतीली ज़मीन पर।...सार्थक पोस्ट...
गहन अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंchhoti si par sundar si kavita
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति.....
जवाब देंहटाएंआंसुओं की नियति को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है आपने।
जवाब देंहटाएंPRABHAVIT KARTI RACHNA
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआसुओं का हश्र यही होता है ...
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