टैक्सी ड्राईवर ने स्टेशन के सामने जाकर गाड़ी पार्क कर दी । साहब ने गाड़ी का मीटर देखा
और ड्राईवर पर चिल्लाने लगे तुम लोग हेरा फेरी करे बिना नहीं मानते इतना मीटर कैसे
आ सकता हैं । ड्राईवर ने मुस्करा कर कहा सर आप मीटर की जाँच करवा सकते हैं हम गरीब जरुर हैं मगर चोर नहीं । चलिए आप दस रुपये कम दे दीजिये । साहब ने जल्दी से
अपना सामान निकाला और प्लेटफ़ॉर्म की तरफ चल दिए|थोड़ी देर बाद ड्राईवर ने देखा कि
मेमसाहब का पर्स पीछे की सीट पर पड़ा हैं वह तुरंत उसे लेकर उनके पीछे भागा मगर तब
तक वह लोग बहुत आगे निकल चुके थे । वह चिंता में था कैसे उनका पर्स उन तक पहुंचे।
रास्ते की बातों से उसे इतना तो मालूम पड़ गया था वह लोग मुंबई जा रहे हैं ।मगर कौन
सी ट्रेन कौन सा कोच यह कुछ भी नहीं पता था । प्लेटफोर्म पर पहुँच कर वह एक एक डिब्बे में झांक झांक कर उन्हें खोजने लगा । आखिर उसने उनको एक एसी कोच में ढूंढ़
लिया ।पास जाकर बोला " आपका पर्स गाड़ी में रह गया था"। साहब ने खुश हो कर अंग्रेजों
से उधार लिए दो शब्द उसकी तरफ उछाल दिए" थैंक्स थैंक्स" ।जब वह बहां से जाने लगा
तो मेमसाब बोली उसको रोको पहले देख तो लें कुछ गायब तो नहीं हैं ?
और ड्राईवर पर चिल्लाने लगे तुम लोग हेरा फेरी करे बिना नहीं मानते इतना मीटर कैसे
आ सकता हैं । ड्राईवर ने मुस्करा कर कहा सर आप मीटर की जाँच करवा सकते हैं हम गरीब जरुर हैं मगर चोर नहीं । चलिए आप दस रुपये कम दे दीजिये । साहब ने जल्दी से
अपना सामान निकाला और प्लेटफ़ॉर्म की तरफ चल दिए|थोड़ी देर बाद ड्राईवर ने देखा कि
मेमसाहब का पर्स पीछे की सीट पर पड़ा हैं वह तुरंत उसे लेकर उनके पीछे भागा मगर तब
तक वह लोग बहुत आगे निकल चुके थे । वह चिंता में था कैसे उनका पर्स उन तक पहुंचे।
रास्ते की बातों से उसे इतना तो मालूम पड़ गया था वह लोग मुंबई जा रहे हैं ।मगर कौन
सी ट्रेन कौन सा कोच यह कुछ भी नहीं पता था । प्लेटफोर्म पर पहुँच कर वह एक एक डिब्बे में झांक झांक कर उन्हें खोजने लगा । आखिर उसने उनको एक एसी कोच में ढूंढ़
लिया ।पास जाकर बोला " आपका पर्स गाड़ी में रह गया था"। साहब ने खुश हो कर अंग्रेजों
से उधार लिए दो शब्द उसकी तरफ उछाल दिए" थैंक्स थैंक्स" ।जब वह बहां से जाने लगा
तो मेमसाब बोली उसको रोको पहले देख तो लें कुछ गायब तो नहीं हैं ?
एहसान फरामोशों की कमी नहीं है...
जवाब देंहटाएंसशक्त कथा..
सादर
अनु
ye duniya rang rangeelee
जवाब देंहटाएंअविश्वास की पराकाष्ठा..
जवाब देंहटाएंइस दुनिया ऐसे भी एहसान फरामोश लोगों की कमी नहीं,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST,तुम जो मुस्करा दो,
सच कहा आपने.. कैसे कैसे लोग..
जवाब देंहटाएंमुझे स्व. गौतम जी की एक लाइन याद आ रही है..
ये कैसी अनहोनी मालिक, ये कैसा संयोग
कैसी कैसी कुर्सी पर हैं कैसे कैसे लोग..।
कैसे -कैसे लोग ...बढ़िया लघु किस्सा गोई /लघु कथा है /.....संवेदना जिनकी चुक जातीं हैं वे तमाम लोग ऐसे ही होतें हैं :"रेशमी शव "
जवाब देंहटाएंमंगलवार, 4 सितम्बर 2012
जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें
जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें
यह वही जीवन शैली रोग है जिससे दो करोड़ अठावन लाख अमरीकी ग्रस्त हैं और भारत जिसकी मान्यता प्राप्त राजधानी बना हुआ है और जिसमें आपके रक्तप्रवाह में ब्लड ग्लूकोस या ब्लड सुगर आम भाषा में कहें तो शक्कर बहुत बढ़ जाती है .इस रोगात्मक स्थिति में या तो आपका अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन हारमोन ही नहीं बना पाता या उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता है आपका शरीर .
पैन्क्रिअस या अग्नाशय उदर के पास स्थित एक शरीर अंग है यह एक ऐसा तत्व (हारमोन )उत्पन्न करता है जो रक्त में शर्करा को नियंत्रित करता है और खाए हुए आहार के पाचन में सहायक होता है .मधुमेह एक मेटाबोलिक विकार है अपचयन सम्बन्धी गडबडी है ,ऑटोइम्यून डिजीज है .
फिर दोहरा दें इंसुलिन एक हारमोन है जो शर्करा (शक्कर )और स्टार्च (आलू ,चावल ,डबल रोटी जैसे खाद्यों में पाया जाने वाला श्वेत पदार्थ )को ग्लूकोज़ में तबदील कर देता है .यही ग्लूकोज़ ईंधन हैं भोजन है हरेक कोशिका का जो संचरण के ज़रिये उस तक पहुंचता रहता है ..
कैसे कैसे लोग नहीं ...कैसी कैसी नीयत के लोग ....
जवाब देंहटाएंहद है!
जवाब देंहटाएंinsan vishvas kisi par nahi karta...vidambna..
जवाब देंहटाएंये साहबों की फ़ितरत है, वो ग़रीबों की आदत है।
जवाब देंहटाएंनेकी का बदला ईश्वर देता है , एहसान फरोशों के बस का नहीं इंसानियत और इमानदारी को समझ पाना !
जवाब देंहटाएंअपने अंदर हो
जवाब देंहटाएंअगर चोर
जमाना अपना ही
नजर आता है
फिर तो जो चोरी
नहीं करता
सबसे कमजोर
हो जाता है !
Katu satya....
जवाब देंहटाएं............
ये खूबसूरत लम्हे...
:( Dukhad Par Saty.....
जवाब देंहटाएंसंवेदनहीनता की हद हो गयी सी लगती है आजकल..कुछ पढे-लिखों में
जवाब देंहटाएंjis insaan ne vishvash nam ke sabd ko nhi jaana wo insaan khlane ke kabil nhi h.
जवाब देंहटाएंjis insaan ne vishvash nam ke sabd ko nhi jaana wo insaan khlane ke kabil nhi h.
जवाब देंहटाएं