क्या यही हमारा विकास है
माना पगडंडी को सड़क बना कर
हमने विकास का काम किया है |
और रोटी पर बिछी हुई सब्जी को
हमने पिज्ज़ा का नाम दिया है |
अब आँगन तुलसी को तरसे ,
और बगिया तरसे फूलों को
लगा के छत पर नागफ़नी को
उसे रूफ गार्डन नाम दिया है |
दरकिनार कर अपनी प्रतिभा को
कंप्यूटर को सब कुछ मान लिया है |
चोरी गड़बड़ घोटालों को ,
हमने हैकिंग का नाम दिया है |
अब मेरे घर में जगह नहीं है
अपने बूढ़े- बूढ़े लोगों की ,
अलग बना कर घर उनका
उसे ओल्डएज होम का नाम दिया है |
सही परिभाषा दी है........तथाकथित विकास की।
जवाब देंहटाएंअब मेरे घर में जगह नहीं है
जवाब देंहटाएंअपने बूढ़े- बूढ़े लोगों की ,
अलग बना कर घर उनका
उसे ओल्डएज होम का नाम दिया है |
सटीक अभिव्यक्ति। शुभकामनायें
good presentation. People are forgetting that they also become old some time. We have to protect our mother earth and parents.
जवाब देंहटाएंKeep going.
K.V.SrinivasaRao
http://kasturivenkat.blogspot.com
अब आँगन तुलसी को तरसे ,
जवाब देंहटाएंऔर बगिया तरसे फूलों को ..
How beautifully you expressed the bitter reality of life.
with progress we must not forget the significance of anyone around.
Beautiful creation !
माना पगडंडी को सड़क बना कर
जवाब देंहटाएंहमने विकास का काम किया है |
और रोटी पर बिछी हुई सब्जी को
हमने पिज्ज़ा का नाम दिया है
Dard aur saty,dono samete hue hai yah rachana!
अपने बूढ़े- बूढ़े लोगों की ,
जवाब देंहटाएंअलग बना कर घर उनका
उसे ओल्डएज होम का नाम दिया है.nice
क्या बात है। रोटी को हमने तो पिज्जा का नाम तो दे दिया। पर स्वाद में भाया नहीं। अब क्या करें लोग। रोटी तो बनानी भूल गए हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया!
जवाब देंहटाएंविकास की धज्जी उड़ाती हुयी कविता।
जवाब देंहटाएंऔर रोटी पर बिछी हुई सब्जी को
जवाब देंहटाएंहमने पिज्ज़ा का नाम दिया है |
अब आँगन तुलसी को तरसे ,
और बगिया तरसे फूलों को
लगा के छत पर नागफ़नी को
उसे रूफ गार्डन नाम दिया है |
क्या बात है .......
गज़ब लिखते हैं.....!!
बहुत सुंदर..अपनी जड़ों को सहेजने की अच्छी कोशिश.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शब्दों में ढाल कर आज के हालात का हवाला दे दिया.
जवाब देंहटाएंअब मेरे घर में जगह नहीं है
जवाब देंहटाएंअपने बूढ़े- बूढ़े लोगों की ,
अलग बना कर घर उनका
उसे ओल्डएज होम का नाम दिया है |
बिलकुल सटीक, तथाकथित विकास ने अंततोगत्वा माता-पिता को कहाँ पहुँचाया है ..
बहुत सुन्दर
अब मेरे घर में जगह नहीं है
जवाब देंहटाएंअपने बूढ़े- बूढ़े लोगों की ,
अलग बना कर घर उनका
उसे ओल्डएज होम का नाम दिया है |
...सच ही लिखा आपने...बेहतरीन पोस्ट. कभी हमारे 'शब्द-शिखर' पर भी पधारें.
और रोटी पर बिछी हुई सब्जी को
जवाब देंहटाएंहमने पिज्जा का नाम दिया है....
क्या सटीक बात कही है बहुत खूब
Very Beautiful creation !
जवाब देंहटाएंSunil ji...
wat an elasticity of thoughts.....depicts ur ken..kp d gud wrk goin...
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