एक दिन एक रोजगार बाप ,
अपने बेरोजगार बेटे की
किसी बात पर खुश हो गया |
और अनजाने में अपनी उम्र
उसको लग जाने का ,
आशीर्वाद दे गया |
जब उसे कुछ ध्यान आया
तब वह कुछ
सोच कर पछताया
अगर वह अपनी ,
उम्र से पहले मर जायेगा |
तब उसका बेटा ,
भूख से मर जायेगा |
(पूर्व प्रकाशित रचना )
कितना भोला है! कितना सोचता है!
जवाब देंहटाएंआखिर बाप है न,बेटे के लिये सोचना उसका फ़र्ज़ बनता है,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST ,,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,,
बिलकुल सही सोचा उसने...
जवाब देंहटाएंजीवन के सहारों को तो बनाये रखना आवश्यक है..
जवाब देंहटाएंओह ... बाप अंत समय तक बच्चों के लिए सोचता है
जवाब देंहटाएंपिता का मन ऐसा ही होता है !
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बेहतरीन रचना
केरा तबहिं न चेतिआ, जब ढिंग लागी बेर
♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥
♥ संडे सन्नाट, खबरें झन्नाट♥
♥ शुभकामनाएं ♥
ब्लॉ.ललित शर्मा
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बहुत मार्मिक
जवाब देंहटाएंबढिया
जवाब देंहटाएंभावमय करते शब्द ... आभार ।
जवाब देंहटाएंमार्मिक अभिव्यक्ति.........
जवाब देंहटाएंसादर
bhavpurn abhiwayakti....
जवाब देंहटाएंबहुत भावुक कविता।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण अभिव्यक्ति माता पिता हमेशा या यूं कहने कि अपने अंत समय तक हमेशा खुद से पहले अपने बच्चों के बारे में ही सोचते हैं।
जवाब देंहटाएंमार्मिक ... बहुत ही अर्थपूर्ण रचना ... सार्थक कीर्ति हुयी पितृ दिवस कों ...
जवाब देंहटाएंवाह ...सत्य ..भावपूर्ण अभी व्यक्ति ...इस बाप बेटे के अनूठे रिश्ते की ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंWaah!! bahut bhawpoorn abhivyakti.
जवाब देंहटाएंबहूत हि मार्मिक रचना...
जवाब देंहटाएंमार्मिक रचना.
जवाब देंहटाएंपिता है ना, हर हाल में बच्चे के ही बारे में सोचता है।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण मार्मिक रचना अभिव्यक्ति ...आभार
जवाब देंहटाएंशब्द अधिक चोट करते है ...
जवाब देंहटाएंmaa -pita aise hi hote hain .
जवाब देंहटाएंapni jivan ki antim saans tak vo apne bachche ki chinta kare hi rahte hain.
bahut hi bhaukta se sarobaar prastuti
sateesh bhai ji
sadar naman
poonam
apane bachcho ke liye itani gaharai se mata ya pita hi soch sakate hai ,achchi rachana .
जवाब देंहटाएंpavitra .
बहुत ही मार्मिक एवं सारगर्भित प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट "अतीत से वर्तमान तक का सफर" पर आपका स्वागत है। धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंare hanse ki royen . pahli nazar me joke lagta hai.phir dhire dhire gahre pani paith. kya bat hai thode shabdon me bahut lapeta hai.
जवाब देंहटाएंmarm sparshi rachana
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