रविवार, सितंबर 21, 2014

यह क्या है ?

इसे किस्मत का करिश्मा मानूँ 
या कहूँ कि उसकी तदवीर थी ऐसी | 


आज नोटों को गिन रहा है वह ,
कल तक जो सिक्कों का हिसाब रखता था 



11 टिप्‍पणियां:

  1. किस्मत किस्मत की बात है ... ऊपर वाले का डंडा चलना जरूरी है ...

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  2. वक्त और हालात सदा एक से नही रहते, किश्मत के करिश्में किस्मत ही जाने.............

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  3. सुंदर..चंद पंक्तियों में बहुत कुछ कह डाला।।

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